गुरुवार, 15 मई 2025

सखि ये दोउ राज किसोर सभा में आये | Ram Bhajan Lyrics in Hindi & English | Sakhi Ye Dou Raj Kisor Sabha Me Aaye

सखि ये दोउ राज किसोर सभा में आये | Ram Bhajan Lyrics in Hindi & English | Sakhi Ye Dou Raj Kisor Sabha Me Aaye

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Ram Bhajan Lyrics in Hindi & English
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जनकपुरी की सभा में श्री राम का आगमन 
भारतीय संस्कृति में रामकथा केवल एक धार्मिक आख्यान नहीं, बल्कि आदर्श जीवन का मार्गदर्शन है। रामायण के विवाह प्रसंग में एक ऐसा क्षण आता है, जब अयोध्या के राजकुमार श्री राम, अपने छोटे भाई लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र के साथ मिथिला नरेश जनक की सभा में प्रवेश करते हैं। यह दृश्य केवल कथा का मोड़ नहीं, बल्कि सौंदर्य, मर्यादा और भक्ति का अद्वितीय संगम है।
मिथिला की सभा
मिथिला के राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के स्वयंवर की घोषणा की थी। शर्त थी – जो वीर भगवान शिव का धनुष (पिनाक) उठाकर प्रत्यंचा चढ़ा देगा, वही सीता से विवाह करेगा। यह कार्य अब तक किसी से संभव नहीं हो पाया था।
जनक की विशाल सभा में देश-देशांतर के राजा, राजकुमार, विद्वान और वीर उपस्थित थे। सभा अलंकृत थी – सुनहरे स्तंभ, रत्नजड़ित आसन, फूलों की वर्षा, और भव्य द्वार पर संगीत की गूंज।
जनकपुरी की सभा में राम, लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र का प्रवेश केवल एक कथा प्रसंग नहीं, बल्कि आदर्श आचरण, विनम्रता और भक्ति का जीवंत चित्र है। यह दृश्य आज भी भक्ति-साहित्य में उतना ही प्रासंगिक है, जितना हजारों वर्ष पहले था। इसे पढ़ते-सुनते समय हृदय में श्रद्धा, आँखों में भक्ति और मन में शांति का अनुभव स्वाभाविक है।
इसी क्रम में लेखक एवं संपादक - प्रो० सूर्य प्रसाद दीक्षित के द्वारा संकलित एक सुन्‍दर लोकगीत प्रस्‍तुत है। मुझे पूर्ण विश्‍वास है कि यह लोकगीत आपको अवश्‍य पसन्‍द आयेगा और आपको अतीत की गहराइयों में ले जायेगा। मेरा आपसे आग्रह है कि यदि आपके पास भी आपके क्षेत्र में प्रचलित कोई लोकगीत हो तो हमें अवश्‍य उपलब्‍ध करायें हम उसे आपके नाम से साथ अपने ब्‍लाग पर प्रकाशित करेंगे।
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सखि ये दोउ राज किसोर

सभा में आये।।
राजा जनक परन यकु ठाना 
धनुवा देत धराये।
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देस-देस के भूपति आये 
धनुवा नहिं सकत उठाये।
उठे राम गुरु अग्या लइके 
धनुवा लेत चढ़ाये।
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धरत, उठावत कोऊ नहि देखत 
छनहीं में तोरि बहायें
सखि ये दोउ राज किसोर
सभा में आये।।
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सखि ये दोउ राज किसोर सभा में आये | Ram Bhajan Lyrics in Hindi & English | Sakhi Ye Dou Raj Kisor Sabha Me Aaye

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Sakhi ye dou rāj kisora
Sabhā mean āye
Rājā janak paran yaku ṭhānā 
Dhanuvā det dharāye
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Desa-des ke bhūpati āye 
Dhanuvā nahian sakat uṭhāye
Uṭhe rām guru agyā laike 
Dhanuvā let chaḍhaāye
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Dharata, uṭhāvat koū nahi dekhat 
Chhanahīan mean tori bahāyean
Sakhi ye dou rāj kisora
Sabhā mean āye
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