सिव पूजत हो गौरी पूजत जनक दुलारी | Ram Bhajn Lyrics in Hindi & English | Shiv Pujat Ho Gauri Pujat Janak Dulari
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संपादक - प्रो० सूर्य प्रसाद दीक्षित
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भारतीय लोकसंस्कृति में देवी गौरी (पार्वती) की पूजा और भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। अवधी क्षेत्र के इस लोकप्रिय लोकगीत “सिव पूजत हो गौरी” में देवी की पूजा, सीता की शिव भक्ति और धार्मिक भावनाओं का मनोहारी चित्रण मिलता है।
यह गीत न केवल धार्मिक श्रद्धा को दर्शाता है, बल्कि जनजीवन की सादगी और लोकधार्मिक भावनाओं को भी उजागर करता है।
यह गीत पारंपरिक अवधी भक्ति और विवाह संस्कार की झलक प्रस्तुत करता है।
गौरी पूजा मुख्यतः हिन्दू महिलाओं द्वारा की जाती है, जो परिवार की समृद्धि और सौभाग्य की कामना करती हैं।
शिव जी की आराधना विशेष रूप से विवाह योग्य कन्याओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इस गीत के माध्यम से जनजीवन में धार्मिक अनुष्ठान और भावनाओं का सामंजस्य दिखता है।
“सिव पूजत हो गौरी” लोकगीत धार्मिक श्रद्धा, सांस्कृतिक विरासत और जनजीवन की सादगी का अनुपम उदाहरण है। यह गीत हमें याद दिलाता है कि कैसे हमारी लोकधार्मिक परंपराएँ पीढ़ी दर पीढ़ी संजोई जाती हैं।
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सिव पूजत हो गौरी
पूजत जनक दुलारी
बैठी फुलवारी।
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पाँचौ फूल पाँच बेल की पाती हो
सीता हथवा में लीन्हें बाती
बैठी फुलवारी ।
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फुलवै दूरि सीता शिव जी को पूजइँ हो
अब अच्छत मारी दुइ चारी
बैठी फुलवारी ।।
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अब शिव बाबा हो
अब शिव भोले
हँसले ठठारी
बैठी फुलवारी ।।
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जवन माँगन तुहुँ माँगो हो जानकी
अब उहै माँगन हम देबई
बैठी फुलवारी ।।
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अब सिव बाबा हो
अब सिव भोले
कब तक रहबै कुँवारी
बैठी फुलवारी।
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सिव पूजत हो गौरी पूजत जनक दुलारी | Ram Bhajn Lyrics in Hindi & English | Shiv Pujat Ho Gauri Pujat Janak Dulari
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Siv pūjat ho gaurī
Pūjat janak dulārī
Baiṭhī fulavārī
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Pāchau fūl pāch bel kī pātī ho
Sītā hathavā mean līnhean bātī
Baiṭhī fulavārī
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Fulavai dūri sītā shiv jī ko pūjai ho
Ab achchhat mārī dui chārī
Baiṭhī fulavārī
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Ab shiv bābā ho
Ab shiv bhole
Hasale ṭhaṭhārī
Baiṭhī fulavārī
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Javan māgan tuhu māgo ho jānakī
Ab uhai māgan ham debaī
Baiṭhī fulavārī
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Ab siv bābā ho
Ab siv bhole
Kab tak rahabai kuvārī
Baiṭhī fulavārī
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