माँगेउँ बरदान देबी के || देवी गीत || Devi Geet Lyrics in Hindi and English
हमारे समाज में संगीत इतनी गहराई से रचा बसा है कि हर अवसर पर गाये जाने वाले गीत हमें अनेक रूपों में प्राप्त होते हैं। इन गीतों को किसने लिखा किसने संगीत बद्ध किया किसी को नहीं पता। किन्तु जब भी हमारे गॉंव देहात में कोई एक माता गीत की एक लाइन गुनगुनाती है सभी सखियॉं स्वत: ही आगे की लाइनें गाने लग जाती हैं। प्रस्तुत की में एक भक्त द्वारा देवी से वरदान माँगना दर्शाया गया है।
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माँगेउँ बरदान
देबी के मँडिलवा भीतर॥ टेक॥
भइया जौ माँगेउँ सतपँच ठइ रे।
बहिनी आकेलि
देबी के मँडिलवा भीतर।।१।।
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देवरा जौ माँगेउ सतपंच ठइ रे ।
ननदी आकेलि,
देबी के मँडिलवा भीतर ॥२॥
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अपना जौ माँगेउँ सोने के सिहरवा,
जुग जुग बाढ़े अहिबात,
देबी के मँडिलवा भीतर ।।३।।
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माँगेउँ बरदान देबी के || देवी गीत || Devi Geet Lyrics in Hindi and English
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Māgeu baradān
Debī ke maḍilavā bhītara॥ ṭeka॥
Bhaiyā jau māgeu satapach ṭhai re।
Bahinī ākeli
Debī ke maḍilavā bhītara।।1।।
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Devarā jau māgeu satapancha ṭhai re ।
Nanadī ākeli,
Debī ke maḍilavā bhītar ॥2॥
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Apanā jau māgeu sone ke siharavā,
Jug jug bāḍhae ahibāta,
Debī ke maḍilavā bhītar ।।3।।
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