यह लोकगीतों को एक माला में पिरोने का प्रयास है। परम्परा से हमारे लोकगीत पीढ़ी दर पीढ़ी सतत प्रवाहमान रहे हैं और राग, लय एवं भावों की समृद्धि सहेजे हुए हैं। यदि आपके पास भी लोक-गीत-माला में पिरोने हेतु कुछ मोती हों तो उन्हें ब्लॉगर को उपलब्ध कराकर कृतार्थ करें।
मंगलवार, 23 सितंबर 2025
🙏✨ शेरावाली माँ की कृपा: भक्ति, विश्वास और आशीर्वाद से जुड़ा पावन भजन 🎶🕉️ Devi Geet Lyrics in Hindi and English
✨ मेरे हिरदय में मैया जी आने लगी 🙏 माँ के भजन के बोल 🎶
✨ मेरे हिरदय में मैया जी आने लगी 🙏 माँ के भजन के बोल 🎶 Devi Geet Lyrics in Hindi and English
सोमवार, 22 सितंबर 2025
🌸🙏 मेरे अंगने में माँ शेरोवाली आयी हैं | भक्ति भजन | Maa Sherowali Bhajan 🙏🦁🌺
✨ जय माता दी ✨
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मेरे अंगने में मॉं शेरोवाली आयी हैं
मेरे अंगने में मॉं शेरोवाली आयी हैं
शेरोवाली आयी हैं पहाड़ों वाली आयी हैं
मेरे अंगने में मॉं शेरोवाली आयी हैं
मेरे अंगने में मॉं शेरोवाली आयी हैं
*
मैया के माथे पे मुकुट विराजे
मैया के माथे पे मुकुट विराजे
मुकुट विराजे हॉं मुकुट विराजे
लाल लाल बिन्दी
हॉं लाल लाल बिन्दी मॉं मेरे लिये लायी हैं
लाल लाल बिन्दी मॉं मेरे लिये लायी हैं
🌸🙏 मेरे अंगने में माँ शेरोवाली आयी हैं | भक्ति भजन | Maa Sherowali Bhajan 🙏🦁🌺
✨ ज़रा फूल बिछा दो राहों में | Mata Rani Bhajan | Meri Maiya Aane Wali Hai 🌺🙏
✨ ज़रा फूल बिछा दो राहों में | Mata Rani Bhajan | Meri Maiya Aane Wali Hai 🌺🙏
रविवार, 21 सितंबर 2025
✨🙏 मेरे घर में गजानन आइये 🐘 | गणेश भजन 🎶 | 🍬 लड्डुओं का भोग
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आ जाओ मेरे घर में गजानन | विघ्नहर्ता गणेश स्वागत गीत | Ganesh Bhajan 2025
आ जाओ मेरे घर में गजानन भजन | विघ्नहर्ता गणेश स्वागत गीत | Ganesh Bhajan 2025
मंगलवार, 12 अगस्त 2025
श्रीराम वन गमन छंद | राम जी को देख कर भूल बैठे सब काम | Ram Ji Ko Dekh Kar Bhul Baithe Sab Kaam Lyrics in Hindi and English
श्रीराम वन गमन छंद | राम जी को देख कर भूल बैठे सब काम | Ram Ji Ko Dekh Kar Bhul Baithe Sab Kaam Lyrics in Hindi and English
**परिचय
प्रसंग की पृष्ठभूमि:
कैकेयी के दो वरदान:
श्रीराम की प्रतिक्रिया:
सीता और लक्ष्मण का साथ जाना:
अयोध्या की प्रतिक्रिया:
राम जी को देख कर भूल बैठे सब काम,
अपलक सोच रहे आता कौन धीर है;
आता कौन धीर वीर श्याम वर्ण है शरीर;
हाथ में धनुष लिए पीछे को तुणीर है,
तुणीर में चार बाण चारों करें झनकार;
अधर की वाणी सम बोलते कि वीर हैं,
वीर एक पीछे पीछे शांत चित्त मौन धारे,
शांत चित्त कह रहा देव सशरीर है।
**
देव सशरीर किंतु मस्तक पर मुकुट नहीं,
रथ की तो बात और पादुका विहीन हैं;
पादुका विहीन मन कैसे कहे देव मुनि,
देव मुनि नहीं किंतु लगते नवीन हैं;
लगते नवीन तन पावन पुनीत मन,
जोगी जैसा वेश नहीं किसी के अधीन हैं;
किसी राजपुंज के प्रकाशमान बिंब तीन,
धर्म ध्वजा वस्त्र धारे लगते प्रवीण हैं।
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लगते प्रवीण भाई पूछो तनी नाम गांव,
आज रुक जाएं यहीं जाना यदि दूर है;
दूर दूर जंगलों में भटकेंगे कहां यहां,
जंगलों में जीव-जंतु बसे भरपूर हैं;
बसे भरपूर खायें सोयें रहें प्रात जाएं,
नगर यहां से अभी बहुत सुदूर है;
बहुत दिनों के बाद आया कोई आज यहां,
राम की कृपा से उसे रोकना ज़रूर है।
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श्रीराम वन गमन छंद | राम जी को देख कर भूल बैठे सब काम | Ram Ji Ko Dekh Kar Bhul Baithe Sab Kaam Lyrics in Hindi and English
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Rām jī ko dekh kar bhūl baiṭhe sab kāma,
Apalak soch rahe ātā kaun dhīr hai;
Ātā kaun dhīr vīr shyām varṇa hai sharīra;
Hāth mean dhanuṣh lie pīchhe ko tuṇīr hai,
Tuṇīr mean chār bāṇ chāroan karean jhanakāra;
Adhar kī vāṇī sam bolate ki vīr haian,
Vīr ek pīchhe pīchhe shāanta chitta maun dhāre,
Shāanta chitta kah rahā dev sasharīr hai
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Dev sasharīr kiantu mastak par mukuṭ nahīan,
Rath kī to bāt aur pādukā vihīn haian;
Pādukā vihīn man kaise kahe dev muni,
Dev muni nahīan kiantu lagate navīn haian;
Lagate navīn tan pāvan punīt mana,
Jogī jaisā vesh nahīan kisī ke adhīn haian;
Kisī rājapuanja ke prakāshamān bianba tīna,
Dharma dhvajā vastra dhāre lagate pravīṇ haian
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Lagate pravīṇ bhāī pūchho tanī nām gāanva,
Āj ruk jāean yahīan jānā yadi dūr hai;
Dūr dūr jangaloan mean bhaṭakeange kahāan yahāan,
Jangaloan mean jīva-jantu base bharapūr haian;
Base bharapūr khāyean soyean rahean prāt jāean,
Nagar yahāan se abhī bahut sudūr hai;
Bahut dinoan ke bād āyā koī āj yahāan,
Rām kī kṛupā se use rokanā jrūr hai
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रविवार, 8 दिसंबर 2024
बृज के रसिया मेरे मन बसिया || कृष्ण भजन लिरिक्स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English
बृज के रसिया मेरे मन बसिया || कृष्ण भजन लिरिक्स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English
बृज के रसिया मेरे मन बसिया || कृष्ण भजन लिरिक्स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English
बृज के रसिया मेरे मन बसिया || कृष्ण भजन लिरिक्स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English
Introduction एक परिचय
कृष्ण भक्ति में अक्सर ऐसे भजन होते हैं जो भगवान श्री कृष्ण के प्रति हमारी भक्ति और प्रेम को हृदय की गहराइयों तक प्रभावित करते हैं। "बृज के रसिया मेरे मन बसिया" एक ऐसा भजन है, जो कृष्ण प्रेमियों के दिलों में बसी उनकी अनमोल भावनाओं को व्यक्त करता है। यह भजन भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं, उनकी रासलीलाओं और बृज की पवित्र भूमि की महिमा को गाता है। इस भजन में "राम रसिया मेरे मन बसिया" जैसे शब्द हमें यह याद दिलाते हैं कि भगवान श्री कृष्ण हमारे दिलों में बसते हैं और हमारे मन में उनका बसना ही हमारे जीवन का सर्वोत्तम अनुभव है।
आज के इस लेख में हम इस भजन की लिरिक्स के बारे में जानेंगे और साथ ही इसमें गाए गए शब्दों का अर्थ समझेंगे। साथ ही हम कृष्ण भजन के इस विशेष गीत का आनंद लेंगे।
"बृज के रसिया मेरे मन बसिया" भजन की लिरिक्स और अर्थ
कृष्ण भजन आमतौर पर भगवान श्री कृष्ण के जीवन की विभिन्न घटनाओं पर आधारित होते हैं। "बृज के रसिया मेरे मन बसिया" भजन भी ऐसी ही एक रचनात्मकता का परिचायक है।
भजन की लिरिक्स कुछ इस प्रकार होती हैं:
"राम रसिया मेरे मन बसिया"
यहां पर "राम रसिया" शब्द भगवान श्री कृष्ण के प्रेम को व्यक्त करते हैं। जब हम कृष्ण के प्रेम में डूब जाते हैं तब हम उनका नाम "राम" या "श्याम" से पुकारते हैं। यह शब्द उनका प्रेम और उनकी दिव्यता की गवाही देते हैं। "मेरे मन बसिया" का अर्थ है कि श्री कृष्ण हमारे दिलों में बस गए हैं और हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं।
"रुचि रुचि भोग लगाओ रसिया"
"रुचि रुचि भोग लगाओ रसिया" में कृष्ण भक्तों को यह संदेश दिया जा रहा है कि हम भगवान श्री कृष्ण को अपने दिल से प्रेम और श्रद्धा के साथ भोग अर्पित करें। 'रुचि रुचि' का अर्थ है पूरी श्रद्धा और प्रेम से भोग अर्पित करना, जो भगवान को समर्पित हो। भोग के माध्यम से हम भगवान को अपनी भक्ति और प्रेम व्यक्त करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
"श्याम रसिया मेरे मन बसिया, रुचि रुचि भोग लगाओ रसिया"
यह वाक्य इस बात को पूरी तरह से स्पष्ट करता है कि श्री कृष्ण का नाम और उनका प्रेम हमारे मन में वास करता है। जब हम उनका नाम लेते हैं तो हमारे मन में खुशी और शांति की लहरें उठती हैं। इसके अलावा, हम भगवान श्री कृष्ण को सच्चे मन से भोग अर्पित करते हैं, ताकि हमारे जीवन में उनकी कृपा का प्रभाव बना रहे।
भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाने का महत्व
"भगवान को भोग लगाने का भजन" के माध्यम से हम यह समझ सकते हैं कि भगवान श्री कृष्ण को भोग अर्पित करने का महत्व बहुत अधिक है। भोग अर्पित करना न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह हमारे आंतरिक भावनाओं का एक बहुत सुंदर रूप है। जब हम भगवान को भोग अर्पित करते हैं, तो हम अपने दिल से उनका स्वागत करते हैं और उन्हें अपने जीवन में शामिल करते हैं।
इस भजन के माध्यम से यह भी सिखाया जाता है कि हम भगवान को भोग अर्पित करते समय न केवल उनके भौतिक रूप को मानते हैं, बल्कि उनके दिव्य स्वरूप को भी समझते हैं। भोग के रूप में हम उन्हें प्रेम, भक्ति, और श्रद्धा अर्पित करते हैं, जिससे हमारा जीवन आशीर्वादित हो जाता है।
रुचि रुचि भोग लगाओ मेरे प्रभु जी
"रुचि रुचि भोग लगाओ मेरे प्रभु जी" का अर्थ है कि हम भगवान श्री कृष्ण को पूरी श्रद्धा और प्रेम से भोग अर्पित करें। जब हम किसी को प्रेम और श्रद्धा से भोग अर्पित करते हैं, तो हमारे भीतर की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और हम शांति और संतुलन की ओर बढ़ते हैं। भगवान श्री कृष्ण को भोग अर्पित करने से हमारी भक्ति और श्रद्धा का स्तर ऊँचा होता है, और हम उनके साथ एक दिव्य संबंध स्थापित करते हैं।
भजन का महत्व और कृष्ण भक्ति
कृष्ण भजनों का एक अद्भुत महत्व है। यह न केवल हमें कृष्ण के दर्शन कराता है, बल्कि हमारे दिलों में उनके प्रति अपार प्रेम और भक्ति को भी जगाता है। भजनों में गाए गए शब्द हमारे दिलों में श्री कृष्ण के प्रेम को और भी गहरा करते हैं। "बृज के रसिया मेरे मन बसिया" जैसे भजन हमें श्री कृष्ण के साथ हमारे संबंध को महसूस कराते हैं और हमारी भक्ति को प्रगाढ़ बनाते हैं।
जब हम इस भजन को गाते हैं, तो हम अपने भीतर के कृष्ण को पहचानते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस भजन का जाप करने से हमें शांति, समृद्धि, और आंतरिक संतुलन मिलता है। भजनों के माध्यम से कृष्ण के प्रति हमारे प्रेम का इज़हार होता है, और हम उनके दिव्य रूप को समझने की कोशिश करते हैं।
Conclusion
"बृज के रसिया मेरे मन बसिया" भजन न केवल एक सुंदर रचना है, बल्कि यह हमें भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करने का एक अद्भुत माध्यम भी है। "राम रसिया मेरे मन बसिया", "रुचि रुचि भोग लगाओ रसिया", और "श्याम रसिया मेरे मन बसिया" जैसे शब्दों के माध्यम से हम भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते हैं।
यदि आप कृष्ण भक्ति में गहरे समर्पित हैं, तो इन भजनों को गाकर आप अपने जीवन में कृष्ण के आशीर्वाद को और भी मजबूत कर सकते हैं। इस भजन के माध्यम से भगवान को भोग अर्पित करना, उनका नाम लेना, और उनका प्रेम अनुभव करना हमारे जीवन को दिव्य बना देता है।
आशा है कि आपको इस भजन का महत्व और इसकी लिरिक्स का अर्थ समझ में आया होगा। कृष्ण भक्ति में हमेशा ऐसे भजन हमारे साथ होते हैं, जो हमें अपने प्रभु से जोड़ते हैं और हमें उनके आशीर्वाद की ओर अग्रसर करते हैं।






