रविवार, 8 दिसंबर 2024

बृज के रसिया मेरे मन बसिया || कृष्‍ण भजन लिरिक्‍स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English

बृज के रसिया मेरे मन बसिया || कृष्‍ण भजन लिरिक्‍स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English

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बृज के रसिया 
मेरे मन बसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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शबरी के बेर 
सुदामा के तंदुल 
रुचि रुचि भोग 
लगाओ रसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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बृज के रसिया 
मेरे मन बसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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दुर्योधन के मेवे त्यागे ।
साग विदुर घर 
खाओ रसिया
आओ आओ जी 
भोग, लगायो रसिया
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बृज के रसिया 
मेरे मन बसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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द्रोपदी सख़ी की 
जैसे विपदा टारी 
भण्डारा मेरा भी 
भर जाओ रसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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बृज के रसिया 
मेरे मन बसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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ऐसा भोग लगाओ 
मेरे प्रभु जी ।
सब अमृत कर 
जाओ रसिया,
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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बृज के रसिया 
मेरे मन बसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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चाँदी की छार में 
गंगा का जल 
रुचि रुचि आचमन जी 
करो रसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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बृज के रसिया 
मेरे मन बसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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चूना कत्था 
और इलाइची 
रुचि रुचि पान 
चबाओ रसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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बृज के रसिया 
मेरे मन बसिया
आओ आओ जी 
भोग लगायो रसिया
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बृज के रसिया मेरे मन बसिया || कृष्‍ण भजन लिरिक्‍स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English

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Bṛuj ke rasiyā 
Mere man basiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Shabarī ke ber 
Sudāmā ke tandul 
Ruchi ruchi bhog 
Lagāo rasiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Bṛuj ke rasiyā 
Mere man basiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Duryodhan ke meve tyāge 
Sāg vidur ghar 
Khāo rasiyā
Āo āo jī 
Bhoga, lagāyo rasiyā
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Bṛuj ke rasiyā 
Mere man basiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Dropadī sakhaī kī 
Jaise vipadā ṭārī 
Bhaṇḍārā merā bhī 
Bhar jāo rasiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Bṛuj ke rasiyā 
Mere man basiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Aisā bhog lagāo 
Mere prabhu jī 
Sab amṛut kar 
Jāo rasiyā,
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Bṛuj ke rasiyā 
Mere man basiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Chadī kī chhār mean 
Gangā kā jal 
Ruchi ruchi āchaman jī 
Karo rasiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Bṛuj ke rasiyā 
Mere man basiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Chūnā katthā 
Aur ilāichī 
Ruchi ruchi pān 
Chabāo rasiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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Bṛuj ke rasiyā 
Mere man basiyā
Āo āo jī 
Bhog lagāyo rasiyā
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बृज के रसिया मेरे मन बसिया || कृष्ण भजन लिरिक्स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English

Introduction एक परिचय

कृष्ण भक्ति में अक्सर ऐसे भजन होते हैं जो भगवान श्री कृष्ण के प्रति हमारी भक्ति और प्रेम को हृदय की गहराइयों तक प्रभावित करते हैं। "बृज के रसिया मेरे मन बसिया" एक ऐसा भजन है, जो कृष्ण प्रेमियों के दिलों में बसी उनकी अनमोल भावनाओं को व्यक्त करता है। यह भजन भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं, उनकी रासलीलाओं और बृज की पवित्र भूमि की महिमा को गाता है। इस भजन में "राम रसिया मेरे मन बसिया" जैसे शब्द हमें यह याद दिलाते हैं कि भगवान श्री कृष्ण हमारे दिलों में बसते हैं और हमारे मन में उनका बसना ही हमारे जीवन का सर्वोत्तम अनुभव है।

आज के इस लेख में हम इस भजन की लिरिक्स के बारे में जानेंगे और साथ ही इसमें गाए गए शब्दों का अर्थ समझेंगे। साथ ही हम कृष्ण भजन के इस विशेष गीत का आनंद लेंगे।

"बृज के रसिया मेरे मन बसिया" भजन की लिरिक्स और अर्थ

कृष्ण भजन आमतौर पर भगवान श्री कृष्ण के जीवन की विभिन्न घटनाओं पर आधारित होते हैं। "बृज के रसिया मेरे मन बसिया" भजन भी ऐसी ही एक रचनात्मकता का परिचायक है।

भजन की लिरिक्स कुछ इस प्रकार होती हैं:

"राम रसिया मेरे मन बसिया"
यहां पर "राम रसिया" शब्द भगवान श्री कृष्ण के प्रेम को व्यक्त करते हैं। जब हम कृष्ण के प्रेम में डूब जाते हैं तब हम उनका नाम "राम" या "श्याम" से पुकारते हैं। यह शब्द उनका प्रेम और उनकी दिव्यता की गवाही देते हैं। "मेरे मन बसिया" का अर्थ है कि श्री कृष्ण हमारे दिलों में बस गए हैं और हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं।

"रुचि रुचि भोग लगाओ रसिया"
"रुचि रुचि भोग लगाओ रसिया" में कृष्ण भक्तों को यह संदेश दिया जा रहा है कि हम भगवान श्री कृष्ण को अपने दिल से प्रेम और श्रद्धा के साथ भोग अर्पित करें। 'रुचि रुचि' का अर्थ है पूरी श्रद्धा और प्रेम से भोग अर्पित करना, जो भगवान को समर्पित हो। भोग के माध्यम से हम भगवान को अपनी भक्ति और प्रेम व्यक्त करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

"श्याम रसिया मेरे मन बसिया, रुचि रुचि भोग लगाओ रसिया"
यह वाक्य इस बात को पूरी तरह से स्पष्ट करता है कि श्री कृष्ण का नाम और उनका प्रेम हमारे मन में वास करता है। जब हम उनका नाम लेते हैं तो हमारे मन में खुशी और शांति की लहरें उठती हैं। इसके अलावा, हम भगवान श्री कृष्ण को सच्चे मन से भोग अर्पित करते हैं, ताकि हमारे जीवन में उनकी कृपा का प्रभाव बना रहे।

भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाने का महत्व

"भगवान को भोग लगाने का भजन" के माध्यम से हम यह समझ सकते हैं कि भगवान श्री कृष्ण को भोग अर्पित करने का महत्व बहुत अधिक है। भोग अर्पित करना न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह हमारे आंतरिक भावनाओं का एक बहुत सुंदर रूप है। जब हम भगवान को भोग अर्पित करते हैं, तो हम अपने दिल से उनका स्वागत करते हैं और उन्हें अपने जीवन में शामिल करते हैं।

इस भजन के माध्यम से यह भी सिखाया जाता है कि हम भगवान को भोग अर्पित करते समय न केवल उनके भौतिक रूप को मानते हैं, बल्कि उनके दिव्य स्वरूप को भी समझते हैं। भोग के रूप में हम उन्हें प्रेम, भक्ति, और श्रद्धा अर्पित करते हैं, जिससे हमारा जीवन आशीर्वादित हो जाता है।

रुचि रुचि भोग लगाओ मेरे प्रभु जी

"रुचि रुचि भोग लगाओ मेरे प्रभु जी" का अर्थ है कि हम भगवान श्री कृष्ण को पूरी श्रद्धा और प्रेम से भोग अर्पित करें। जब हम किसी को प्रेम और श्रद्धा से भोग अर्पित करते हैं, तो हमारे भीतर की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और हम शांति और संतुलन की ओर बढ़ते हैं। भगवान श्री कृष्ण को भोग अर्पित करने से हमारी भक्ति और श्रद्धा का स्तर ऊँचा होता है, और हम उनके साथ एक दिव्य संबंध स्थापित करते हैं।

भजन का महत्व और कृष्ण भक्ति

कृष्ण भजनों का एक अद्भुत महत्व है। यह न केवल हमें कृष्ण के दर्शन कराता है, बल्कि हमारे दिलों में उनके प्रति अपार प्रेम और भक्ति को भी जगाता है। भजनों में गाए गए शब्द हमारे दिलों में श्री कृष्ण के प्रेम को और भी गहरा करते हैं। "बृज के रसिया मेरे मन बसिया" जैसे भजन हमें श्री कृष्ण के साथ हमारे संबंध को महसूस कराते हैं और हमारी भक्ति को प्रगाढ़ बनाते हैं।

जब हम इस भजन को गाते हैं, तो हम अपने भीतर के कृष्ण को पहचानते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस भजन का जाप करने से हमें शांति, समृद्धि, और आंतरिक संतुलन मिलता है। भजनों के माध्यम से कृष्ण के प्रति हमारे प्रेम का इज़हार होता है, और हम उनके दिव्य रूप को समझने की कोशिश करते हैं।

Conclusion

"बृज के रसिया मेरे मन बसिया" भजन न केवल एक सुंदर रचना है, बल्कि यह हमें भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करने का एक अद्भुत माध्यम भी है। "राम रसिया मेरे मन बसिया", "रुचि रुचि भोग लगाओ रसिया", और "श्याम रसिया मेरे मन बसिया" जैसे शब्दों के माध्यम से हम भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते हैं।

यदि आप कृष्ण भक्ति में गहरे समर्पित हैं, तो इन भजनों को गाकर आप अपने जीवन में कृष्ण के आशीर्वाद को और भी मजबूत कर सकते हैं। इस भजन के माध्यम से भगवान को भोग अर्पित करना, उनका नाम लेना, और उनका प्रेम अनुभव करना हमारे जीवन को दिव्य बना देता है।

आशा है कि आपको इस भजन का महत्व और इसकी लिरिक्स का अर्थ समझ में आया होगा। कृष्ण भक्ति में हमेशा ऐसे भजन हमारे साथ होते हैं, जो हमें अपने प्रभु से जोड़ते हैं और हमें उनके आशीर्वाद की ओर अग्रसर करते हैं।

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