शनिवार, 7 दिसंबर 2024

मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे || कृष्‍ण भजन लिरिक्‍स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English

मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे || कृष्‍ण भजन लिरिक्‍स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English

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मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे 
तेरे नैना कजरारे कारे-कारे 
अब मुझे शरण में ले लेना 
मेरे हिय के हिंडोले में तू आरे 
मत प्रेमियों को इतना सता रे 
अब हृदय सेज में सो लेना 
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मेरे सर पर कर की छाया 
रख देना सदा बनवारी 
जग के सुख भोग में बहकूँ 
तब देना सहारा बिहारी 
मुझको तुझसे ये आश 
करता रहता विश्वास 
मुझे अब दुनिया से क्या लेना 
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मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे 
तेरे नैना कजरारे कारे-कारे 
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इस जग में पाया धोखा 
यहाँ अपना नहीं है कोई 
तुम ही बस अपने सच्चे 
पर माया मुझे भरमाई 
तेरी भक्ती जो मिले 
माया की कैसे चले 
मुझे अब भक्ती से भर देना 
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मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे 
तेरे नैना कजरारे कारे-कारे 
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जब माना तुझको अपना 
क्यों आते न हिय में मुरारी 
यह पागल कान्त भटकता 
जग जंजाल में गिरिधारी 
आके गले से लगा 
प्रेम हिय में जगा 
तुझे अब जाने फिर क्यों देना 
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मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे 
तेरे नैना कजरारे कारे-कारे 
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मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे || कृष्‍ण भजन लिरिक्‍स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English

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Mere sāvare salone pyāre-pyāre 
Tere nainā kajarāre kāre-kāre 
Ab muze sharaṇ mean le lenā 
Mere hiya ke hianḍole mean tū āre 
Mat premiyoan ko itanā satā re 
Ab hṛudaya sej mean so lenā 
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Mere sar par kar kī chhāyā 
Rakh denā sadā banavārī 
Jag ke sukh bhog mean bahakū 
Tab denā sahārā bihārī 
Mujhako tujhase ye āsh 
Karatā rahatā vishvās 
Muze ab duniyā se kyā lenā 
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Mere sāvare salone pyāre-pyāre 
Tere nainā kajarāre kāre-kāre 
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Is jag mean pāyā dhokhā 
Yahā apanā nahīan hai koī 
Tum hī bas apane sachche 
Par māyā muze bharamāī 
Terī bhaktī jo mile 
Māyā kī kaise chale 
Muze ab bhaktī se bhar denā 
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Mere sāvare salone pyāre-pyāre 
Tere nainā kajarāre kāre-kāre 
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Jab mānā tujhako apanā 
Kyoan āte n hiya mean murārī 
Yah pāgal kānta bhaṭakatā 
Jag janjāl mean giridhārī 
Āke gale se lagā 
Prem hiya mean jagā 
Tuze ab jāne fir kyoan denā 
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Mere sāvare salone pyāre-pyāre 
Tere nainā kajarāre kāre-kāre 
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मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे || कृष्ण भजन लिरिक्स || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi & English

Introduction एक परिचय

कृष्ण भक्ति में सदैव एक विशिष्‍ट आकर्षण होता है जो भक्तों को भगवान श्री कृष्ण के अद्भुत रूप और लीलाओं के करीब ले आता है। "मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे" एक ऐसा कृष्ण भजन है जो न केवल कृष्ण के सुंदर रूप को चित्रित करता है बल्कि भक्तों के दिलों में उनकी दिव्यता का अनुभव भी कराता है। यह भजन श्री कृष्ण के प्रति प्रेम और श्रद्धा को व्यक्त करने का एक अद्भुत माध्यम है।

आज के इस लेख में हम इस भजन के लिरिक्स पर चर्चा करेंगे, साथ ही इसमें गाए गए शब्दों का अर्थ समझेंगे। इसके साथ ही हम भारतीय लोकगीतों और भजनों के महत्व पर भी प्रकाश डालेंगे।

"मेरे साँवरे सलोने प्यारे-प्यारे" भजन की लिरिक्स और अर्थ

यह भजन भगवान श्री कृष्ण के रूप और सौंदर्य की विशेषताओं को दर्शाता है। भजन की लिरिक्स कुछ इस प्रकार होती हैं:

"मेरे सांवरे सलोने सांवरिया"
यहां पर "सांवरे सलोने सांवरिया" शब्द भगवान श्री कृष्ण के रूप को सुंदरता के सर्वोच्च स्तर पर दर्शाते हैं। "सांवरे" शब्द से उनकी सुंदरता और आकर्षण को व्यक्त किया जाता है, जो भक्तों को उनके प्रति अपार प्रेम और भक्ति की ओर आकर्षित करता है। कुछ भक्‍त इसे भगवान के सांवले स्‍वरूप के रूप में भी मान्‍यता प्रदान करते हैं।

"मेरा सांवरा सलोना दिलदार लुटाने अपना प्यार आ गया"
इस वाक्य में कृष्ण के प्रेम और उनके दिलदार स्वभाव का वर्णन किया गया है। यह भाव व्यक्त करता है कि श्री कृष्ण अपने भक्तों से प्रेम करने के लिए आए हैं और उनका प्यार समर्पण और भक्ति में रूपांतरित हो जाता है। उनके दिव्य प्रेम में डूबने से भक्तों के दिलों को शांति और आशीर्वाद मिलता है।

"मेरे सांवरे सलोने कन्‍हैया तेरा जलवा कहाँ पर नहीं है"
यह वाक्य भगवान श्री कृष्ण के महान व्यक्तित्व और उनके जलवों की महिमा को व्यक्त करता है। "कन्‍हैया" शब्द श्री कृष्ण के प्रिय नामों में से एक है और इसका उल्लेख करते हुए भजन यह जताता है कि श्री कृष्ण का जलवा हर जगह है उनका प्रभाव और आकर्षण हर जगह महसूस होता है। भगवान सर्वव्‍यापक स्‍वरूप में भक्‍तों का कल्‍याण करते हैं। 

लोकगीतों का महत्व और कृष्ण भक्ति

भारत में लोकगीतों का एक विशेष स्थान है। विशेष रूप से ब्रज के लोकगीत और बुंदेली लोकगीत कृष्ण भक्ति से जुड़े होते हैं। ब्रज के लोकगीत लिरिक्स और बुंदेली लोकगीत लिरिक्स में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया जाता है। इन गीतों के माध्यम से लोग अपने आस्था और भक्ति का प्रदर्शन करते हैं।

लोकगीतों में आमतौर पर सरल और मधुर संगीत होता है, जो सुनने में आनंदित करता है और दिल को शांति प्रदान करता है। कृष्ण भजन, विशेष रूप से हिंदी लोकगीत भजन, भक्तों को भगवान के साथ एक दिव्य संबंध स्थापित करने में मदद करते हैं। इस संदर्भ में Lokgeet in Hindi Lyrics बहुत लोकप्रिय होते हैं क्योंकि वे भक्तों को धार्मिक भावना से जोड़ते हैं।

इसके अलावा, देहाती लोकगीत हिंदी में Lyrics और सालासर हनुमान जी के भजन Lyrics भी भारतीय लोक गीतों का अहम हिस्सा हैं। ये गीत विशेष रूप से ग्रामीण और देहाती जीवन से जुड़े होते हैं और भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़े होते हैं। छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना लिखित में भजन जैसे भजन भी इस श्रेणी में आते हैं, जो भक्तों के दिलों को हलका कर देते हैं और उन्हें भगवान के करीब महसूस कराते हैं।

कृष्ण भजन में प्रेम और भक्ति का महत्व

कृष्ण भजन न केवल संगीत और लिरिक्स का संगम होते हैं, बल्कि वे भक्तों के दिलों में भगवान श्री कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति को भी बढ़ाते हैं। भजन के माध्यम से हम अपनी भावनाओं को भगवान तक पहुँचाते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

"मेरे सांवरे सलोने प्यारे-प्यारे" जैसे भजनों का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि भक्त भगवान श्री कृष्ण के सौंदर्य और प्रेम में रंग जाएं और उनके साथ एक दिव्य संबंध स्थापित करें। यह भजन उन भक्तों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनता है जो भगवान श्री कृष्ण के प्रेम में पूर्ण रूप से समर्पित हैं।

भारतीय लोकगीतों का सांस्कृतिक महत्व

भारत में लोकगीतों का बहुत ही गहरा सांस्कृतिक महत्व है। भारतीय लोक गीत हिंदी में न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं, बल्कि वे हमारी भावनाओं और आस्थाओं का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। भगवान श्री कृष्ण से जुड़े ब्रज के लोकगीत लिरिक्स और बुंदेली लोकगीत लिरिक्स भक्तों को कृष्ण के जीवन की शिक्षाओं को समझने और उनसे जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं।

इस प्रकार के भजन और गीत भारतीय समाज की धार्मिकता और सांस्कृतिक धारा को मजबूत करते हैं। जब लोग इन भजनों को गाते हैं तो वे न केवल भगवान से जुड़े रहते हैं बल्कि अपनी संस्कृति और परंपराओं से भी जुड़ते हैं।

कृष्ण भक्ति के माध्यम से शांति और संतुलन

कृष्ण भक्ति का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह हमारे जीवन में शांति और संतुलन लाती है। जब हम भजन गाते हैं या कृष्ण के गीतों को सुनते हैं तो हमारे दिल में एक आंतरिक शांति का अनुभव होता है। इस शांति से न केवल हमारी आत्मा को ताजगी मिलती है बल्कि हम अपने जीवन की कठिनाइयों का सामना भी बेहतर तरीके से कर पाते हैं।

"मेरे सांवरे सलोने प्यारे-प्यारे" भजन का प्रभाव

इस भजन को गाते समय भक्त अपने दिल में श्री कृष्ण के प्रति प्रेम को महसूस करते हैं और उनके दिव्य रूप का दर्शन करते हैं। भजन में गाए गए शब्द जैसे "मेरा सांवरा सलोना दिलदार लुटाने अपना प्यार आ गया" और "कन्‍हैया तेरा जलवा कहाँ पर नहीं है" भक्तों को यह समझाते हैं कि भगवान श्री कृष्ण का प्रेम सर्वव्यापी है और वह हर जगह हमारे साथ होते हैं।

Conclusion निष्‍कर्ष 

"मेरे सांवरे सलोने प्यारे-प्यारे" भजन कृष्ण भक्ति का अद्भुत रूप है, जो भक्तों को भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपार प्रेम और भक्ति की ओर प्रेरित करता है। इस भजन में गाए गए शब्द भगवान श्री कृष्ण के सौंदर्य, प्रेम, और आकर्षण को दर्शाते हैं। भारतीय लोक गीतों जैसे ब्रज के लोकगीत लिरिक्स, बुंदेली लोकगीत लिरिक्स, और हिंदी लोकगीत भजन हमें कृष्ण के जीवन से जुड़ी भावनाओं और घटनाओं को समझने में मदद करते हैं।

जब हम इस प्रकार के भजन और लोक गीतों को गाते हैं, तो हम न केवल अपनी भक्ति को व्यक्त करते हैं, बल्कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्थाओं से भी जुड़ते हैं। कृष्ण भक्ति हमें शांति, समृद्धि और आंतरिक संतुलन प्रदान करती है जो हमारे जीवन को दिव्य बनाती है।

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