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सोमवार, 1 सितंबर 2025

भोजपुरी सोहर गीत : बोल और भावार्थ | ननद-भौजाई के रिश्ते, ससुराल के ताने और लोकसंस्कृति के रंग | Sohar Geet: Nanad-Bhaujai Bhojpuri Lokgeet ka Bhavarth aur Mahatva

भोजपुरी सोहर गीत : बोल और भावार्थ | ननद-भौजाई के रिश्ते, ससुराल के ताने और लोकसंस्कृति के रंग | Sohar Geet: Nanad-Bhaujai Bhojpuri Lokgeet ka Bhavarth aur Mahatva

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Sohar Geet: Nanad-Bhaujai Bhojpuri Lokgeet

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परिचय
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भारतीय लोकजीवन में सोहर गीत का अपना विशेष स्थान है। चाहे बच्चे का जन्म हो, शादी-ब्याह हो या घर में कोई शुभ अवसर बिना सोहर गीत के हर रस्म अधूरी मानी जाती है। इन गीतों में ननद-भौजाई की प्यारी नोक-झोंक, सास-बहू के रिश्तों की ताने-बाज़ी और परिवार की खुशियों का रंग मिलता है। इस ब्लॉग में हम आपके लिए एक लोकप्रिय भोजपुरी सोहर गीत के बोल (Lyrics) और उसका भावार्थ (Meaning) लेकर आए हैं। भारत की संस्कृति अपने लोकगीतों और परंपराओं से जानी जाती है। हर राज्य, हर क्षेत्र की अपनी अलग लोकगायकी है। इन्हीं में से एक है बिहारी और भोजपुरी सोहर गीत (Sohar Geet)। ये गीत मुख्य रूप से शादी-विवाह, बच्चे के जन्म और अन्य पारिवारिक अवसरों पर गाए जाते हैं। सोहर गीतों में घर-परिवार के हर रिश्ते को मज़ाक, हंसी-ठिठोली और प्रेम से जोड़ा जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर अवसर पर गाना-बजाना, नाचना और उत्सव मनाना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। जन्म से लेकर विवाह तक और त्यौहार से लेकर श्रम तक, हर परिस्थिति के लिए हमारे लोकगीत मौजूद हैं। इन्हीं में सबसे खास माने जाते हैं सोहर गीत (Sohar Geet)। "सोहर" शब्द का अर्थ है खुशी का गीत, मंगल गीत। भोजपुरी, अवधी और मैथिली क्षेत्रों में सोहर गीतों का बहुत महत्व है। ये केवल गीत नहीं बल्कि जीवन दर्शन और रिश्तों का व्यंग्यात्मक चित्रण हैं।
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आज हम एक बेहद लोकप्रिय ननद-भौजाई सोहर गीत का भावार्थ और महत्व समझेंगे। आज हम जिस गीत की चर्चा कर रहे हैं, वह है -
जइसे तलवा में लड़ेइआ चमकय ननदी,
ओइसे चमकय घरवाँ में ससुरुआ हमरी ननदी…
यह गीत ननद (Nanad) और उसके परिवार के रिश्तों को हल्के-फुल्के हास्य और व्यंग्य के साथ प्रस्तुत करता है।
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गीत का भावार्थ
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यह गीत ननद और परिवार के बाकी सदस्यों के रिश्तों को अलग-अलग प्राकृतिक और घरेलू उदाहरणों से जोड़ता है। जैसे तलवार में लड़इया (चमक) करती है, वैसे ही घर में ससुर चमकते हैं। इस लाइन के माध्‍यम से बहु अपनी ननद को उलाहना देते हुए उसके पिता यानि कि अपने ससुर पर बड़ा ही मधुर व्‍यग्‍य करती हुई दिखती है। जैसे बादल में बिजली चमकती है, वैसे ही घर में भसुर (बड़ा देवर या जेठ) चमकता है। पुन: बहु अपनी ननद से चुटकी लेते हुए उसके बड़े भाई के बारे में भी व्‍यंग्‍य की शैली में कहती है कि उसके बड़े भैया किस प्रकार चमकते रहते हैं। जैसे जंगल में हिरण उछलता है, वैसे ही घर में छोटा देवर उछलता है। छोटे देवर की चंचलता की तुलना हिरण से करते हुए उसका भी आनन्‍दमय व्‍यंग्‍य प्रस्‍तुत किया गया है। जैसे तिसी के तेल का दीपक जलता है, वैसे ही घर में सास जलती है (यहाँ हास्य और व्यंग्य है)। जैसे तवे पर रोटी फूलती है, वैसे ही घर में जेठानी फूलती है (मतलब घमंड करती है)। और जैसे जंगल में बिछिया टपकती है, वैसे ही घर में ननद टपकती रहती है। इस पूरे गीत का मूल उद्देश्य है, परिवार के रिश्तों की नोंक-झोंक, हंसी-मजाक और मेल-मिलाप को उजागर करना।
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सोहर गीतों का सांस्कृतिक महत्व
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ननद-भौजाई का रिश्ता – यह गीत ननद और भौजाई के रिश्ते की नटखट मस्ती को सामने लाता है। हमने देखा है किजिन घरों में छोटी ननद होती है उन घरों की बहुओं को अपनी छोटी बहन की कमी कभी नहीं खलती। वे दोनों ननद और भौजाई हमेशा मीठी नोकझोंक एवं प्‍यार एक दूसरे पर न्‍यौछावर करती रहती हैं। भारतीय परिवार में ननद-भौजाई का रिश्ता सबसे रोचक माना जाता है। भाभी ननद को बेटी जैसा प्यार करती है, लेकिन मजाक और ठिठोली भी करती है। ननद, भाभी के मायके और ससुराल के बीच का सेतु होती है। इन गीतों में दोनों के बीच का खट्टा-मीठा रिश्ता बहुत सुंदर ढंग से सामने आता है।
देवर-भाभी की ठिठोली – परिवार में देवर और भाभी का रिश्ता हमेशा मजाक-मस्ती से भरा होता है। भाभियों को अपने छोटे देवरों में अपने छोटे भाइयों की झलक दिखलाई देती है। भोजपुरी लोकगीतों में देवर-भाभी के रिश्ते को सबसे मजेदार और हंसी-ठिठोली वाला बताया गया है। छोटा देवर हिरण की तरह उछलता-कूदता है। भाभी उसे बेटे जैसा मानकर छेड़ती है। शादी-ब्याह में देवर-भाभी के गीत (जैसे परछन, मड़वा गीत) खूब गाए जाते हैं।
जेठानी-देवरानी की खट्टी-मीठी खटपट – इसमें जेठानी का फूला-फूला रहना और भाभी का उस पर चुटकी लेना दिखाया गया है। घर में बड़ी बहन के रूप में जेठानी कभी रौब दिखाती है तो कभी जरूरत पड़ने पर मॉं की भूमिका भी निभाती है, सास से कुछ कहासुनी होनी पर वही जेठानी सबसे पक्‍की सहेली का रूप भी लेकर उपस्थित हो जाती है। 
सास-बहू का ताना – तिसी के तेल से सास का जलना यह दर्शाता है कि बहू और सास के बीच का रिश्ता थोड़ा तिक्त लेकिन मजेदार व्यंग्य से भरा है। सास भी कभी बहू थी किन्‍तु वह अपने घर की उन्‍नति एवं प्रगति के लिए घर में अनुशासन एवं मर्यादा का दण्‍ड हमेशा अपने हाथ में लेकर चलती है। सास बाहर से तो कड़क बनी रहती है किन्‍तु अन्‍दर ही अन्‍दर वह सबका ख्‍याल रखती है। सास घर की रीढ़ की हड्डी होती है और परिवार के सभी अंगों को एक दूसरे से प्रेम की डोरी से जोड़ कर रखती है। 
लोकसंस्कृति की पहचान – यह गीत बताता है कि कैसे भारतीय गाँवों में गाने-बजाने के ज़रिए रिश्तों की गहराई और मजाक एक साथ जिए जाते हैं। यह गीत यह भी दर्शाता है कि बहु को अपनी ससुराल में एक स्‍वतंत्र वातावरण प्राप्‍त है जिसमें वह अपनी छोटी बहन के रूप में ननद के कान खींचती है तो वहीं दूसरी ओर छोटे भाई के रूप में देवर की भी खिंचाई करती है। इस प्रकार से ये गीत हमारे ग्रामीण परिवेश के हंसी खुशी जीवन जीने के स्‍वरूप को प्रतिबिम्बित करते हैं। 
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निष्कर्ष
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निष्‍कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि सोहर गीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि वे परिवार की एकता, रिश्तों की मिठास और सामाजिक व्यंग्य को भी दिखाते हैं। ननद-भौजाई, देवर-भाभी, सास-बहू – हर रिश्ते की छोटी-छोटी नोंक-झोंक इन गीतों में बड़ी ही सहजता और मजेदार ढंग से दिखाई देती है। हमारे गांवों में तो कहावत भी प्रचलित है कि जहॉं चार बरतन होते हैं वहॉं खटपट तो होती ही रहती है। ऐसे गीत हमें यह याद दिलाते हैं कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, हंसी-ठिठोली और गीत-संगीत से रिश्ते हमेशा मजबूत होते हैं। सोहर गीत केवल गाने नहीं हैं, ये हमारी संस्कृति की धड़कन हैं। इन गीतों में रिश्तों की मिठास है, मजाक और व्यंग्य है और सबसे बड़ी बात परिवार को जोड़े रखने की शक्ति है। "ननद-भौजाई गीत" हमें सिखाते हैं कि परिवार की नोक-झोंक में भी प्रेम और अपनापन छिपा होता है।
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हम आशा करते हैं कि यह सोहर गीत आपको अवश्‍य पसन्‍द आयेगा। साथ ही अगर आपके पास भी आपके क्षेत्र में गाया जाने वाला कोई सोहर गीत हो तो हमें अवश्‍य उपलब्‍ध करायें। हम उसे आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे। यह सोहर गीत हमें श्री कमल सिंह जी के ब्‍लाग ''पूर्वांचल के श्रम लोकगीत'' से प्राप्‍त हुआ है। इस लोकगीत के संकलन के लिए हम श्री कमल सिंह जी के प्रति अपना आभार व्‍यक्‍त करते हैं। 
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तो आइये अब इस प्रसिद्ध सोहर गीत का आनन्‍द लेते हैं। सोहर के बोल इस प्रकार हैं -
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जइसे तलवा में लड़ेइआ चमकय ननदी।
अरे ओइसे चमकय घरवाँ में ससुरुआ हमरी ननदी।
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जइसे बदरवा में बिजुलिआ चमकय ननदी,
अरे ओइसे चमके घरवा में भसुरुआ हमरी ननदी।
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जइसे जंगलवा में हरिनवाँ छरके ननदी।
अरे ओइसे छरके घरवाँ में देवरवा, छोटी ननदी।
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तीसिआ के तेलवा जरे हो छोटी ननदी,
अरे ओइसे जरे घरवाँ में ससुइआ, छोटी ननदी।
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जइसे तउवा पर रोटिआ फुले ननदी,
अरे ओइसे फूले घरवाँ में जेठनियाँ, छोटी ननदी।
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जइसे जंगलवा में बिछिआ टुपके ननदी,
अरे ओइसे टुपके घरवाँ में ननदिआ, छोटी ननदी ।।

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भोजपुरी सोहर गीत : बोल और भावार्थ | ननद-भौजाई के रिश्ते, ससुराल के ताने और लोकसंस्कृति के रंग | Sohar Geet: Nanad-Bhaujai Bhojpuri Lokgeet ka Bhavarth aur Mahatva
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Jaise talwa mein ladeiya chamakay nanadi,
Are oise chamakay gharwa mein sasurwa hamri nanadi.
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Jaise badarwa mein bijuliya chamakay nanadi,
Are oise chamke gharwa mein bhasurwa hamri nanadi.
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Jaise jangalwa mein harinwa chharkay nanadi,
Are oise chharkay gharwa mein devarwa, chhoti nanadi.
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Tisiya ke telwa jare ho chhoti nanadi,
Are oise jare gharwa mein sasuhiya, chhoti nanadi.
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Jaise tauwa par rotiya phule nanadi,
Are oise phule gharwa mein jethaniya, chhoti nanadi.
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Jaise jangalwa mein bichhiya tupke nanadi,
Are oise tupke gharwa mein nanadiya, chhoti nanadi.
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सोहर गीत पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
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सोहर गीत क्या होता है?
सोहर गीत एक पारंपरिक भोजपुरी लोकगीत है, जो खास तौर पर बच्चे के जन्म, शादी-ब्याह और अन्य शुभ अवसरों पर गाया जाता है।
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ननद-भौजाई के सोहर गीत का महत्व क्या है?
इन गीतों में ननद और भाभी के रिश्ते की नोक-झोंक, अपनापन और हास्य-व्यंग्य झलकता है। यह रिश्ते की मिठास और परिवार की खुशी को दर्शाता है।
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सोहर गीत किन-किन अवसरों पर गाए जाते हैं?
सोहर गीत शादी, बच्चे के जन्म, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश जैसे शुभ अवसरों पर गाए जाते हैं।
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भोजपुरी सोहर गीत और अन्य लोकगीतों में क्या अंतर है?
सोहर गीत का केंद्र शुभ अवसर और पारिवारिक उल्लास होता है, जबकि अन्य लोकगीत (जैसे विवाह गीत, कजरी, छठ गीत) अलग-अलग त्योहारों और सामाजिक अवसरों से जुड़े होते हैं।
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क्या सोहर गीत केवल भोजपुरी क्षेत्र में ही गाए जाते हैं?
नहीं। सोहर गीत उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और नेपाल के भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में भी गाए जाते हैं। इतना ही नहीं ये गीत देश और विदेश में भी गाये जाते हैं।
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सोहर गीत किस भाषा में होते हैं?
ज़्यादातर सोहर गीत भोजपुरी और अवधी भाषा में रचे जाते हैं। हालांकि इनमें जो भाव होता है, उसे हर कोई आसानी से समझ सकता है।
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सारांश : सोहर गीत और भोजपुरी लोकगीतों का महत्व
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भारतीय लोकसंस्कृति में भोजपुरी लोकगीत (Bhojpuri Lokgeet) का विशेष स्थान है। ये गीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि समाज और परिवार के रिश्तों की गहराई को भी दर्शाते हैं। पुत्र जन्म या विवाह जैसे शुभ अवसरों पर गाए जाने वाले सोहर गीत (Sohar Geet Bhojpuri) आज भी गाँवों में बेहद लोकप्रिय हैं।
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सोहर गीत खासकर महिलाओं द्वारा समूह में गाए जाते हैं। इनमें ननद-भाभी, देवर-भाभी, सास-बहू और परिवार के अन्य रिश्तों के बीच हंसी-मजाक व अपनापन झलकता है। इसी कारण Nanad Bhaujai Geet और Devar Bhabi Lokgeet लोकजीवन में सबसे प्रिय माने जाते हैं।
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एक लोकप्रिय Sohar Geet Lyrics में ननद की तुलना तलवार, बिजली और हिरनी से की गई है। गीत का भावार्थ है कि ननद का आगमन ससुराल के घर में खुशियाँ और रौनक भर देता है। जैसे तवे पर रोटी फूलती है, वैसे ही ननद के आने से परिवार का वातावरण आनंदमय हो जाता है। यही Sohar Geet ka Bhavarth है रिश्तों की मिठास और पारिवारिक बंधन को मजबूत करना।
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आज के दौर में भले ही DJ और फिल्मी गानों का चलन बढ़ गया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में Bhojpuri Wedding Songs और Sasural Songs Bhojpuri का महत्व अभी भी बना हुआ है। ये गीत समाज की संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखते हैं।
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निष्कर्षतः Nanad Bhaujai Sohar Song, Sohar Geet Bhojpuri, और अन्य Bhojpuri Traditional Songs हमारी लोकधरोहर हैं। ये गीत हमें हमारी जड़ों से जोड़ते हैं और परिवार व समाज में एकता और खुशी का संदेश देते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि इन गीतों को सहेजा जाए और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाया जाए।
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रविवार, 31 अगस्त 2025

सोहर गीत : अंगना बटोरली भउजी का भावार्थ और महत्व | Sohar Geet : Angna Batorli Bhauji ka Bhavarth aur Mahatva

सोहर गीत : अंगना बटोरली भउजी का भावार्थ और महत्व | Sohar Geet : Angna Batorli Bhauji ka Bhavarth aur Mahatva

सोहर गीत : अंगना बटोरली भउजी
परिचय
भारतीय लोकजीवन की आत्मा उसके लोकगीत हैं। लोकगीत केवल गाने के लिए नहीं होते, बल्कि वे समाज की सोच, परंपराओं और संस्कारों को संजोकर रखते हैं। सोहर गीत (Sonhar/Sohar Geet) बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में संतान-जन्म के अवसर पर गाए जाने वाले मंगलगीत हैं। इनका मुख्य उद्देश्य नवजात शिशु के आगमन पर उल्लास व्यक्त करना और घर-आँगन में मंगलकामना करना होता है। साथी ही ये गीत ईश्‍वर के प्रति आभार व्‍यक्‍त करने का साधन भी होते हैं। 
ऐसे ही एक प्रसिद्ध सोहर गीत की पंक्तियाँ हैं –
अँगना बटोरली भउजी हो बढ़इतिन हो ना।
लचिआ गोबरवा बिनि लिअवतू हो ना…
यह गीत केवल शब्दों का मेल नहीं, बल्कि गाँव की स्त्रियों के श्रम, ईश्वर की कृपा और नवजीवन के स्वागत की अभिव्यक्ति है। आइए विस्तार से इसका भावार्थ और सांस्कृतिक महत्व समझते हैं।
गीत का संक्षिप्त परिचय एवं भावार्थ
यह सोहर गीत गाँव के वातावरण और स्त्रियों के दैनिक जीवन से शुरू होता है। भउजी (भाभी) आँगन बटोर रही हैं। लचिया (बहन या गाँव की युवती) गोबर बीनने गई है। वह जंगल, तालाब और चरवाही का चक्कर लगाती है। अचानक उसके जीवन में दैवीय गर्भाधान का संकेत मिलता है। आगे गीत में शिशु जन्म की भविष्यवाणी और उस शिशु के लिए शुभकामनाएँ दी जाती हैं।
गीत की शुरुआत गाँव के आम दृश्य से होती है। एक तरफ भाभी आँगन साफ कर रही हैं, तो दूसरी तरफ लचिया गोबर बीन रही है। इससे ग्रामीण जीवन की सादगी और श्रमशीलता प्रकट होती है। लचिया का दिनचर्या अत्‍यन्‍त कठिन है। उसे पशुओं को चराने के लिए जंगल भी जाना होता है। एक बार जंगल गई, दूसरी बार भी और तीसरी बार मवेशी चराने गई। इससे स्त्रियों के कठोर श्रम और प्रकृति से गहरे संबंध का चित्रण मिलता है। लचिया टोकरी भरकर गोबर ले आई। फिर प्यास लगने पर सुबह तालाब से पानी पीने गई। पानी यहाँ जीवन और पवित्रता का प्रतीक है। लचिया ने पहला और दूसरा घूँट पानी पिया, लेकिन तीसरे घूँट के साथ ही वह गर्भवती हो गई। यह दैवीय कृपा का प्रतीक है। जब लचिया लौटती है तो गाँव की गलियों से होकर आती है। सबकी नज़र उस पर पड़ती है। यह समाज की जिज्ञासा और स्त्रियों की स्थिति को भी दर्शाता है। ईश्वर की ज्योति घर आती है। राम दरवाज़े पर बैठे हैं और मन को मोह रहे हैं। यहाँ भगवान राम का स्मरण दर्शाता है कि संतान-जन्म केवल जैविक नहीं बल्कि दैवीय घटना है। सब पूछते हैं – यह कौन है? जवाब आता है – यह तो मेरी बहन है। कहा जाता है  हाँ, यही तुम्हारी बहन है, और अब वह गर्भवती है। गीत में आगे कहा गया है कि अगर बछड़ा जन्म लेगा, तो उसके लिए सोने का खूंटा और पगहा बनेगा। अगर बेटा जन्म लेगा, तो उसे नए वस्त्र पहनाए जाएँगे और उत्सव मनाया जाएगा। यह अपने आपमें एक रहस्‍यात्‍मक सोहर के रूप में भी उजागर होता है। यहाँ पुत्र जन्म को अधिक महत्व दिया गया है। यह उस समय की पितृसत्तात्मक सोच और सामाजिक मान्यता को दर्शाता है।
सोहर गीत की विशेषताएँ
यह हमेशा समूह में गाए जाते हैं।
गीत गाने वाली प्रायः महिलाएँ होती हैं।
इसमें हास्य, व्यंग्य, शुभकामना और लोककथा सबका मेल होता है।
हर सोहर गीत में कहीं न कहीं भगवान का स्मरण होता है।
इन गीतों से घर का वातावरण आनंदमय और पवित्र बनता है।
सोहर गीतों में परिवार के सभी सदस्‍यों का नाम लेकर भी गाना गाने की परम्‍परा रही है। 
सोहर गीतों के माध्‍यम से ईश्‍वर के प्रति आभार भी व्‍यक्‍त किया जाता है।  
निष्कर्ष
सोहर गीत अँगना बटोरली भउजी… केवल संतान-जन्म का उत्सव नहीं है, बल्कि यह भारतीय ग्रामीण जीवन, स्त्रियों की भूमिका, सामाजिक मान्यता और धार्मिक विश्वास का सजीव चित्र है। इसमें श्रम और साधना है। इसमें गर्भाधान और ईश्वर की कृपा है। इसमें संतान-जन्म की खुशी और भविष्य की शुभकामनाएँ हैं। यही कारण है कि सोहर गीत आज भी गाँवों में उतने ही उत्साह से गाए जाते हैं, जितने सदियों पहले गाए जाते थे।
हम आशा करते हैं कि यह सोहर गीत आपको अवश्‍य पसन्‍द आयेगा। साथ ही अगर आपके पास भी आपके क्षेत्र में गाया जाने वाला कोई सोहर गीत हो तो हमें अवश्‍य उपलब्‍ध करायें। हम उसे आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे। यह सोहर गीत हमें श्री कमल सिंह जी के ब्‍लाग ''पूर्वांचल के श्रम लोकगीत'' से प्राप्‍त हुआ है। इस लोकगीत के संकलन के लिए हम श्री कमल सिंह जी के प्रति अपना आभार व्‍यक्‍त करते हैं। 
तो आइये अब इस प्रसिद्ध सोहर गीत का आनन्‍द लेते हैं। सोहर के बोल इस प्रकार हैं -
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अँगना बटोरली भउजी हो बढ़इतिन हो ना।
लचिआ गोबरवा बिनि लिअवतू हो ना।
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एक बन गइली हो लाची अवरू दुसरवा हो ना।
लचिआ तीसर बनवाँ गइआ चरवहवा हो ना।
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गोबराहि बीनि ये लचिआ खाँची समुअवली हो ना।
राम लगिहों गइली तड़की पिअसिआ हो ना।
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एक बन गइली हो लचिआ अवरू दूसरवाँ हो ना।
लचिआ तीसर बनवाँ ताके पोखरवा हो ना।
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लउकहि के लउके हो लचिया गउवाँ के अरड़ियाँ हो ना।
लचिया चलि हो भइली गउवाँ के अरड़ियाँ हो ना।
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एक चिरुवा पिअली हो लचिआ अवरू दूसरवाँ हो ना।
लचिआ तीसर चिरुआ रहि गइलय गरभवा हो ना।
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गोबरहिं लेइ हो लचिआ घर के लवटली हो ना।
लचिआ जाइ सुतेली रंग महलिआ हो ना।
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हरि जोति अइलय कुदारि मारी अइलय हो ना।
रामा बइठयल डेवढ़िआ मनवाँ मारी हो ना।
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सबके त देखों ये धनियाँ भर से अँगनवाँ हो ना।
धनियाँ नाहीं रे लउकय लाची मोर बहिनियाँ हो ना।
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लाची तोर बहिनियाँ ये राजा गरभे मातल हो ना।
राजा जाइ के सुतेली रंग महलिआ हो ना।
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एतनी बचनियाँ हो धनियाँ से सुनहीं ना पवलय हो ना।
भइआ बसवा हो पइठी काँटे कइनियाँ हो राम।
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एक सिटकुन मरलय ये भइआ अवरू दुसरवाँ हो ना।
लचिआ तीसरे में घूमें करवटिआ हो ना।
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किआ तुहूँ भुललू ये बहिनी भइआ से भतिजवा हो ना।
बहिनी किआ तुहूँ भुललू गउवाँ के गोइड़वाँ हो ना।
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नाहीं हम भुलली हो भइआ, भइआ से भतिजवा हो ना।
भइआ नाहीं भुलली गउवाँ के गोइड़वाँ हो ना।
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अगना बटोरती भउजी बढ़इतिन हो ना।
लचिआ गोबरवा हो बिनि लेअवतू हो ना।
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एक वन गइली हो भइआ अवरु दुसरवाँ हो ना।
भइआ तीसरे बनवाँ गइआ चरवहवा हो ना।
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गोबरा हि बीनी हो भइआ खाँची समुअवती हो ना।
भइआ लागी गइली तड़की पिअसिआ हो ना।
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पोखरा के भीटे भइआ तकली ताल पोखरवा हो ना।
भइआ कतहूँ ना लउकय ताल पोखरवा हो ना।
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लउकहि के लउकय भइआ गउवाँ के अरड़ियाँ ना।
भइआ चली हो भइली गउवाँ के अरड़ियाँ हो ना।
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एक चिरुआ पिअली हो भइआ अवरू दुसरवाँ हो ना।
भइआ तीसर चिरुआ रहि गइलय गरभवा हो ना।
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जऊँ तोरे लचिआ हो बछरू जनमिहय हो ना।
लचिआ सोनवाँ के मढ़इबय उनकर खुरवा हो ना।
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जऊँ तोरे लचिआ रे बेटवा जनमिहैं हो ना।
लचिआ लुगरी पहिराई घर निसरबय हो ना।
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जब तोरे लचिआ रे बछरू जनमिहय हो ना।
लचिआ सोनवाँ के बनवइबय उनकर पगहा हो ना।
लचिआ सोनवाँ के गड़इबय उनकर खुटवा हो ना।
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जऊँ तोरे लचिआ रे बेटवा जनमिहय हो ना।
लचिआ देसवा से तोहके निसरबय हो ना।
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#सोहर गीत : अंगना बटोरली भउजी का भावार्थ और महत्व | Sohar Geet : Angna Batorli Bhauji ka Bhavarth aur Mahatva

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Angna batorli bhauji ho badhaitin ho na.
Lachiya gobarwa bini liavatu ho na.
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Ek ban gaili ho lachi avaru dusarwa ho na.
Lachiya teesra banwa gaiya charvaha ho na.
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Gobrahhi bini ye lachi khanchi samuawali ho na.
Ram lagihon gaili tadki piasiya ho na.
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Ek ban gaili ho lachi avaru dusarwa ho na.
Lachiya teesra banwa take pokharwa ho na.
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Laukahi ke lauke ho lachiya gauwa ke aradiya ho na.
Lachiya chali ho bhaili gauwa ke aradiya ho na.
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Ek chirwa piali ho lachiya avaru dusarwa ho na.
Lachiya teesra chirwa rahi gailay garbhwa ho na.
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Gobrah hi leyi ho lachiya ghar ke lawatli ho na.
Lachiya jai suteli rang mahalia ho na.
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Hari jyoti ailay kudari maari ailay ho na.
Rama baithayal dewdhiya manwa maari ho na.
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Sabke ta dekho ye dhaniya bhar se angnawa ho na.
Dhaniya nahi re laukay lachi mor bahiniya ho na.
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Lachi tor bahiniya ye raja garbhe matal ho na.
Raja jai ke suteli rang mahalia ho na.
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Etni bachaniya ho dhaniya se sunhin na pvalay ho na.
Bhaiya baswa ho paithi kaante kainiya ho Ram.
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Ek sitkun marlay ye bhaiya avaru dusarwa ho na.
Lachiya teesre me ghoome karwatiya ho na.
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Kia tuhu bhullalu ye bahini bhaiya se bhatijwa ho na.
Bahini kia tuhu bhullalu gauwa ke goidwawa ho na.
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Nahi hum bhullali ho bhaiya, bhaiya se bhatijwa ho na.
Bhaiya nahi bhullali gauwa ke goidwawa ho na.
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Agna batorati bhauji badhaitin ho na.
Lachiya gobarwa ho bini leavatu ho na.
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Ek ban gaili ho bhaiya avaru dusarwa ho na.
Bhaiya teesre banwa gaiya charvaha ho na.
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Gobrah hi bini ho bhaiya khanchi samuawati ho na.
Bhaiya lagi gaili tadki piasiya ho na.
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Pokhara ke bhite bhaiya takli taal pokharwa ho na.
Bhaiya katahu na laukay taal pokharwa ho na.
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Laukahi ke lauke bhaiya gauwa ke aradiya na.
Bhaiya chali ho bhaili gauwa ke aradiya ho na.
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Ek chirwa piali ho bhaiya avaru dusarwa ho na.
Bhaiya teesra chirwa rahi gailay garbhwa ho na.
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Jau tore lachiya ho bachhru janmihay ho na.
Lachiya sonwa ke madhaiyb unkar khurwa ho na.
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Jau tore lachiya re betwa janmihain ho na.
Lachiya lugari pahirayi ghar nisarbey ho na.
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Jab tore lachiya re bachhru janmihay ho na.
Lachiya sonwa ke banwaibey unkar pagha ho na.
Lachiya sonwa ke gadaibey unkar khutwa ho na.
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Jau tore lachiya re betwa janmihay ho na.
Lachiya deswa se tohke nisarbey ho na.
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बुधवार, 13 अगस्त 2025

मोरे राम लिहे अवतार सोहर गावअ हो | Sohar Geet Lyrics in Hindi and English | More Ram Lihe Avtar

मोरे राम लिहे अवतार सोहर गावअ हो | Sohar Geet Lyrics in Hindi and English | More Ram Lihe Avtar 

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भारतीय लोकसंस्कृति की पहचान उसके विविध और समृद्ध लोकगीतों से होती है। प्रत्येक प्रदेश के लोकगीतों में उस क्षेत्र की भाषा, रीति-रिवाज, सामाजिक जीवन और भावनाओं की झलक मिलती है। उत्तर भारत के भोजपुरी, अवधी, मैथिली, मगही, ब्रजभाषा और अन्य बोलियों में प्रचलित सोहर लोकगीत ऐसे ही लोकप्रिय गीत हैं जो विशेष रूप से शिशु जन्म के अवसर पर गाए जाते हैं। “सोहर” शब्द का अर्थ है सुख, आनंद या हर्ष। जब परिवार में नन्हे मेहमान का आगमन होता है, तो गाँव की महिलाएँ एकत्र होकर ढोलक की थाप पर सोहर गाती हैं और इस हर्षोल्लास के क्षण को लोकधुनों से सजाती हैं।
सोहर लोकगीतों की परंपरा सदियों पुरानी है। इनका जन्म उस समय हुआ जब मौखिक परंपरा ही संस्कृति का मुख्य माध्यम थी। लिखित साहित्य से पहले लोग अपनी भावनाओं को गीत और संगीत के रूप में व्यक्त करते थे।
सोहर लोकगीत केवल एक पारंपरिक गीत शैली नहीं, बल्कि भारतीय लोकसंस्कृति की आत्मा हैं। इनमें परिवार के नए जीवन के स्वागत के साथ-साथ, पीढ़ियों की सांस्कृतिक स्मृति, धार्मिक विश्वास और मानवीय भावनाएँ सजीव रहती हैं। आधुनिक जीवन की गति ने इनकी मौलिकता को चुनौती दी है, लेकिन यदि हम इनका दस्तावेजीकरण, प्रचार-प्रसार और शिक्षा में समावेश करें, तो ये आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जीवित रह सकते हैं।
सोहर गाकर हम न केवल एक नवजात शिशु का स्वागत करते हैं, बल्कि अपने अतीत, अपनी मिट्टी और अपनी संस्कृति से भी जुड़ते हैं।
सोहर लोकगीत हमारी सांस्कृतिक जड़ों से हमें जोड़े रखते हैं। यह परंपरा केवल एक नवजात शिशु का स्वागत नहीं, बल्कि हमारे अतीत और हमारी पहचान का उत्सव है। बदलते समय में इन्हें संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन गीतों की मिठास और सामूहिक आनंद का अनुभव कर सकें।
इसी कड़ी में हम प्रसिद्ध कवि श्री सत्‍यम दुबे शार्दूल जी के द्वारा लिखा गया सोहर गीत आपके साथ साझा कर रहे हैं। हमें पूर्ण विश्‍वास है कि यह सोहर गीत आपको अवश्‍य पसन्‍द आयेगा। हम आपसे यह भी आग्रह करते हैं कि यदि आपके पास भी सोहर गीत हों तो आप हमारे साथ साझा करें जिससे कि लोक परम्‍परा का प्रवाह आगामी पीढ़ी तक निरन्‍तर होता रहे। 
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मोरे राम लिहे अवतार सोहर गावअ हो,
मोरे कुल मा भवा भिनुसार सोहर गावअ हो;
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मातु कौसल्या लाल निहारइँ,
नज़र न लागइ काजल काढइँ,
अमृत क छूटइ धार सोहर गावअ हो;
मोरे राम लिहे अवतार सोहर गावअ हो|
मोरे कुल मा भवा भिनुसार सोहर गावअ हो
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मातु कैकेइ मगन होइ के नाचैं,
पंडित गण सब पोथी बाचैं,
अद्भुत भरा दरबार सोहर गावअ हो;
मोरे राम लिहे अवतार सोहर गावअ हो,
मोरे कुल मा भवा भिनुसार सोहर गावअ हो
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मातु सुमित्रा मगन होइ के झूमैं,
राजा दशरथ विह्वल घूमैं,
दर्शन चहैं इक बार सोहर गावअ हो;
मोरे राम लिहे अवतार सोहर गावअ हो
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जे जौन माँगइ तौनइ पावइ,
झोली दुन्नउ हाथ उठावइ,
खुलि ग बा कोषागार सोहर गावअ हो;
मोरे राम लिहे अवतार सोहर गावअ हो
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सब बाभन के गऊ देत हैं,
सुखी रहइँ आशीष लेत हैं,
किन्नर के मोतियन हार सोर गावअ हो,
मोरे राम लिहे अवतार सोहर गावअ हो
मोरे कुल मा भवा भिनुसार सोहर गावअ हो
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मोरे राम लिहे अवतार सोहर गावअ हो | Sohar Geet Lyrics in Hindi and English | More Ram Lihe Avtar 

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More rām lihe avatār sohar gāvaa ho,
More kul mā bhavā bhinusār sohar gāvaa ho;
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Mātu kausalyā lāl nihārai,
Najar n lāgai kājal kāḍhai,
Amṛut k chhūṭai dhār sohar gāvaa ho;
More rām lihe avatār sohar gāvaa ho|
More kul mā bhavā bhinusār sohar gāvaa ho
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Mātu kaikei magan hoi ke nāchaian,
Panḍit gaṇ sab pothī bāchaian,
Adbhut bharā darabār sohar gāvaa ho;
More rām lihe avatār sohar gāvaa ho,
More kul mā bhavā bhinusār sohar gāvaa ho
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Mātu sumitrā magan hoi ke zūmaian,
Rājā dasharath vihval ghūmaian,
Darshan chahaian ik bār sohar gāvaa ho;
More rām lihe avatār sohar gāvaa ho
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Je jaun māgai taunai pāvai,
Zolī dunnau hāth uṭhāvai,
Khuli g bā koṣhāgār sohar gāvaa ho;
More rām lihe avatār sohar gāvaa ho
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Sab bābhan ke gaū det haian,
Sukhī rahai āshīṣh let haian,
Kinnar ke motiyan hār sor gāvaa ho,
More rām lihe avatār sohar gāvaa ho
More kul mā bhavā bhinusār sohar gāvaa ho
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रविवार, 27 अक्टूबर 2024

राम तौ चले हैं बियाहन || बियाह विवाह गीत लिरिक्‍स || Biyah Vivah Geet Lyrics in Hindi & English

राम तौ चले हैं बियाहन || बियाह विवाह गीत लिरिक्‍स || Biyah Vivah Geet Lyrics in Hindi & English 

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राम तौ चले हैं बियाहन 
बहुबिधि बाजै  
उपरा सुगना मँड़राय 
हमहूँ जाबै ब्याहन
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रिखियन खबर जनावौ 
कहाँ दल उतरै 
पनवन छाई चउपारि 
हुएँ दल उतरै 
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थार भरि मोती लिहे 
ठाढ़ि सुनयना 
केहि की मैं अरती उतारौं 
सबै दल सुन्दर
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ओढ़े हैं पीत-पितम्बर 
उनहीं की अरती उतारौ 
उनहीं बर सुन्दर
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थोरी करें अरती 
बहुत करें बिनती 
लाला हमरी धिया 
लरिका अजान 
कुछउ नहीं जानें
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जौ तोरी धिया 
लरिका अजान 
कुछउ नहीं जानें 
सासू हमहूँ 
कमलदल फूल 
दुनउँ जने बिहँसब
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राम तौ चले हैं बियाहन || बियाह विवाह गीत लिरिक्‍स || Biyah Vivah Geet Lyrics in Hindi & English 

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Rām tau chale haian biyāhan 
Bahubidhi bājai  
Uparā suganā maḍarāya 
Hamahū jābai byāhana
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Rikhiyan khabar janāvau 
Kahā dal utarai 
Panavan chhāī chaupāri 
Hue dal utarai 
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Thār bhari motī lihe 
Ṭhāḍhai sunayanā 
Kehi kī maian aratī utārauan 
Sabai dal sundara
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Oḍhae haian pīta-pitambar 
Unahīan kī aratī utārau 
Unahīan bar sundara
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Thorī karean aratī 
Bahut karean binatī 
Lālā hamarī dhiyā 
Larikā ajān 
Kuchhau nahīan jānean
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Jau torī dhiyā 
Larikā ajān 
Kuchhau nahīan jānean 
Sāsū hamahū 
Kamaladal fūl 
Dunau jane bihasaba
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शनिवार, 5 अक्टूबर 2024

मचिया तो बइठी ससुइया लिरिक्‍स || देवी गीत लिरिक्‍स || Devi Geet Lyrics in Hindi and English

मचिया तो बइठी ससुइया || देवी गीत || Devi Geet Lyrics in Hindi and English

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मचिया तो बइठी ससुइया 
तो बहुरिया अरज करै हो। 
सासू वहि बन हमहूँ जाबै 
जहाँ हरि छाये हो ॥१॥ 
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वहि बन काँट-कॅटइली, 
बबुर-मकोइया लागे हो। 
बहुवरि, वहि बन बिकट अँधेरिया, 
हुआँ कइसे जइहौ हो ॥२॥
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काटि डरबे काँट कँटइली, 
बबुर मकोइअउ हो । 
सासू, झेलि डरबै बिकट अँधेरिया, 
हुआँ चली जाबै हो ॥३॥ 
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एक बन गइली, दुसर बन, 
तिसरे माँ राजा बन हो । 
राजा, खोलउ चंदन केंवरिया, 
भितर हम अउबै हो ॥४।॥ 
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कोरवा माँ सोवै मलिनियाँ, 
पैताने मोरे ठौर नहीं। 
रानी, जहवाँ से तुम आइउ, 
तहवें का चली जाव हो ।।५।। 
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उँचवै उँचवा जायो रानी, 
खलवा पैग नहि दीहेउ हो । 
रानी, राखेउ पगड़िया के लाज, 
दुन्हउ कुल तारेउ हो ॥६॥ 
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खलवै खलवा जाबै राजा, 
उँचवा पैग नहि देबै हो । 
राजा, मारब पगड़िया पै लात, 
दुन्हउ कुल बोरबै हो ।।७।। 
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बरहे बरिस राजा 
लउटि घर आइ गये हो। 
रानी, खोलउ चंदन केंवरिया 
भितर चले आई हो ॥८॥ 
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कोरवा तौ सोवै होरिलवा, 
पैताने मोरे ठौर नहीं। 
राजा, मुठिया में लेउ पयरवा, 
कुकुरिया लग सोऊ 
बिलरिया लग सोऊ,
मोरे लग ठौर नहीं, 
घरवा मोरे ठौर नहीं हो ॥९॥ 
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बाउ बहै पुरवइया रानी, 
पयरवा लागे ऊड़न हो । 
रानी कुकुरिया भुकन लागी, 
बिलरिया भुकन लागी हो ।।१०।। 
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ऊँचेन घर केरी बेटी 
उँचेन घर ब्याही, 
अरे लिहेउ बदला हो । 
रानी, बोली डारौ बिसराय 
रहब दुनउ जने मिलि कै हो ।।११।।
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मचिया तो बइठी ससुइया || देवी गीत || Devi Geet Lyrics in Hindi and English

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Machiyā to baiṭhī sasuiyā 
To bahuriyā araj karai ho। 
Sāsū vahi ban hamahū jābai 
Jahā hari chhāye ho ॥1॥ 
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Vahi ban kāṭa-kaṭailī, 
Babura-makoiyā lāge ho। 
Bahuvari, vahi ban bikaṭ adheriyā, 
Huā kaise jaihau ho ॥2॥
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Kāṭi ḍarabe kāṭ kaṭailī, 
Babur makoiau ho । 
Sāsū, zeli ḍarabai bikaṭ adheriyā, 
Huā chalī jābai ho ॥3॥ 
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Ek ban gailī, dusar bana, 
Tisare mā rājā ban ho । 
Rājā, kholau chandan keanvariyā, 
Bhitar ham aubai ho ॥4।॥ 
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Koravā mā sovai maliniyā, 
Paitāne more ṭhaur nahīan। 
Rānī, jahavā se tum āiu, 
Tahavean kā chalī jāv ho ।।5।। 
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Uchavai uchavā jāyo rānī, 
Khalavā paig nahi dīheu ho । 
Rānī, rākheu pagaḍaiyā ke lāja, 
Dunhau kul tāreu ho ॥6॥ 
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Khalavai khalavā jābai rājā, 
Uchavā paig nahi debai ho । 
Rājā, mārab pagaḍaiyā pai lāta, 
Dunhau kul borabai ho ।।7।। 
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Barahe baris rājā 
Lauṭi ghar āi gaye ho। 
Rānī, kholau chandan keanvariyā 
Bhitar chale āī ho ॥8॥ 
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Koravā tau sovai horilavā, 
Paitāne more ṭhaur nahīan। 
Rājā, muṭhiyā mean leu payaravā, 
Kukuriyā lag soū 
Bilariyā lag soū,
More lag ṭhaur nahīan, 
Gharavā more ṭhaur nahīan ho ॥9॥ 
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Bāu bahai puravaiyā rānī, 
Payaravā lāge ūḍan ho । 
Rānī kukuriyā bhukan lāgī, 
Bilariyā bhukan lāgī ho ।।10।। 
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Ūchen ghar kerī beṭī 
Uchen ghar byāhī, 
Are liheu badalā ho । 
Rānī, bolī ḍārau bisarāya 
Rahab dunau jane mili kai ho ।।11।।
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शनिवार, 27 जनवरी 2024

रुपईया मागें ननदी लाल की बधाई | Rupaiya Mange Nandi Lal ki BaDhai | Sohar Geet Lyrics in Hindi and English

रुपईया मागें ननदी लाल की बधाई | Rupaiya Mange Nandi Lal ki BaDhai | Sohar Geet Lyrics in Hindi and English

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रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
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इ तो रुपईया 
मेरे ससुर की कमाई
ससुर की कमाई 
हो, ससुर की कमाई
इ तो रुपईया मेरे 
ससुर की कमाई
अठन्नी लैलो ननदी 
लाल की बधाई 
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रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई 
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रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई 
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इ तो अठन्नी मेरे 
जेठ की कमाई
जेठ की कमाई 
हो, जेठ की कमाई
इ तो अठन्नी 
मेरे जेठ की कमाई
चवन्नी लैलो ननदी 
लाल की बधाई 
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रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई 
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ये चवन्नी मेरे 
राजा की कमाई
राजा की कमाई 
हो, राजा की कमाई
ठेंगा लैलो ननदी 
लाल की बधाई 
ये चवन्नी मेरे 
राजा की कमाई
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रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई
रुपईया मागें ननदी 
लाल की बधाई 
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रुपईया मागें ननदी लाल की बधाई | Rupaiya Mange Nandi Lal ki BaDhai | Sohar Geet Lyrics in Hindi and English

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Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
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I to rupaīyā 
Mere sasur kī kamāī
Sasur kī kamāī 
Ho, sasur kī kamāī
I to rupaīyā mere 
Sasur kī kamāī
Aṭhannī lailo nanadī 
Lāl kī badhāī 
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Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī 
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Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī 
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I to aṭhannī mere 
Jeṭh kī kamāī
Jeṭh kī kamāī 
Ho, jeṭh kī kamāī
I to aṭhannī 
Mere jeṭh kī kamāī
Chavannī lailo nanadī 
Lāl kī badhāī 
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Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī 
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Ye chavannī mere 
Rājā kī kamāī
Rājā kī kamāī 
Ho, rājā kī kamāī
Ṭheangā lailo nanadī 
Lāl kī badhāī 
Ye chavannī mere 
Rājā kī kamāī
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Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī
Rupaīyā māgean nanadī 
Lāl kī badhāī 
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सोमवार, 8 जनवरी 2024

नन्द लाला प्रगट भये आज | Nandlala Pragat Bhaye Aaj | Sohar Geet Lyrics in Hindi

नन्द लाला प्रगट भये आज | Nandlala Pragat Bhaye Aaj | Sohar Geet Lyrics in Hindi 

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नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लडुआ बाटे,
लडुआ बटे री पेड़ा बटे री,
नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लडुआ बाटे ||
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नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लडुआ बाटे,
लडुआ बटे री पेड़ा बटे री,
नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लडुआ बाटे ||
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केसर कस्तूरी की भर दो तलैया,
केसर कस्तूरी की भर दो तलैया,
भर दो तलैया और बांटो मिठैया,
और मोहरों की कर दो बरसात,
बिरज में लडुआ बाटे ||
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नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लडुआ बाटे ||
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सौ मन दूध की खीर बनाओ,
सौ मन दूध की खीर बनाओ,
मेवा केसर खूब मिलावो,
साधू ब्राह्मण जिमवो हजार,
बिरज में लडुआ बाटे ||
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नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लडुआ बाटे ||
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भर-भर थाली सखियाँ लाई,
भर-भर थाली सखियाँ लाई,
यशोदा जी को देन बधाई,
होवे लाला की जय जयकारा,
बिरज में लडुआ बाटे ||
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नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लडुआ बाटे ||
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नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लडुआ बाटे,
लडुआ बटे री पेड़ा बटे री,
नन्द लाला प्रगट भये आज,
बिरज में लडुआ बाटे ||
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रविवार, 7 जनवरी 2024

जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई | Janme Hai Krishna Kanhai | Sohar Geet Lyrics in Hindi | सोहर गीत लिरिक्‍स

जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई | Janme Hai Krishna Kanhai | Sohar Geet Lyrics in Hindi | सोहर गीत लिरिक्‍स 

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जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई
गोकुल में देखो बाजे बधाई
बाजे बधाई देखो बाजे बधाई
बाजे बधाई देखो बाजे बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई
गोकुल में देखो बाजे बधाई ||
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जमुना भी धन्य हुई
छूके चरण को
लेके वसुदेव चले
प्यारे ललन को
वो दिए कान्हा को बृज पहुंचाई ||
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गोकुल में देखो बाजे बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई
गोकुल में देखो बाजे बधाई ||
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धन्य हुई ये बृजभूमि सारी
त्रिलोकी नाथ जन्मे कृष्णमुरारी
ओ सारी नगरी है आज हरषायी ||
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गोकुल में देखो बाजे बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई
गोकुल में देखो बाजे बधाई ||
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अन धन लुटावे बाबा
पायल और छल्ला
लडूवा बटें और पेड़ा
बर्फी रसगुल्ला
मैया तो फूली ना समायी ||
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गोकुल में देखो बाजे बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई
गोकुल में देखो बाजे बधाई ||
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दाऊ लुटावे सोना
चांदी और जेवर
छाया अनंद आज
खुशियां है घर घर
वो देख देख हँसते है कन्हाई ||
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गोकुल में देखो बाजे बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई
गोकुल में देखो बाजे बधाई ||
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जन्मे है कृष्ण कन्हाई
गोकुल में देखो बाजे बधाई
बाजे बधाई देखो बाजे बधाई
बाजे बधाई देखो बाजे बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई
गोकुल में देखो बाजे बधाई ||
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जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई | Janme Hai Krishna Kanhai | Sohar Geet Lyrics in Hindi | सोहर गीत लिरिक्‍स

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Janme haian kṛuṣhṇa kanhāī
Gokul mean dekho bāje badhāī
Bāje badhāī dekho bāje badhāī
Bāje badhāī dekho bāje badhāī
Janme haian kṛuṣhṇa kanhāī
Gokul mean dekho bāje badhāī ||
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Jamunā bhī dhanya huī
Chhūke charaṇ ko
Leke vasudev chale
Pyāre lalan ko
Vo die kānhā ko bṛuj pahuanchāī ||
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Gokul mean dekho bāje badhāī
Janme haian kṛuṣhṇa kanhāī
Gokul mean dekho bāje badhāī ||
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Dhanya huī ye bṛujabhūmi sārī
Trilokī nāth janme kṛuṣhṇamurārī
O sārī nagarī hai āj haraṣhāyī ||
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Gokul mean dekho bāje badhāī
Janme haian kṛuṣhṇa kanhāī
Gokul mean dekho bāje badhāī ||
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An dhan luṭāve bābā
Pāyal aur chhallā
Laḍūvā baṭean aur pedā
Barfī rasagullā
Maiyā to fūlī nā samāyī ||
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Gokul mean dekho bāje badhāī
Janme haian kṛuṣhṇa kanhāī
Gokul mean dekho bāje badhāī ||
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Dāū luṭāve sonā
Chāandī aur jevara
Chhāyā ananda āja
Khushiyāan hai ghar ghara
Vo dekh dekh hasate hai kanhāī ||
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Gokul mean dekho bāje badhāī
Janme haian kṛuṣhṇa kanhāī
Gokul mean dekho bāje badhāī ||
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Janme hai kṛuṣhṇa kanhāī
Gokul mean dekho bāje badhāī
Bāje badhāī dekho bāje badhāī
Bāje badhāī dekho bāje badhāī
Janme haian kṛuṣhṇa kanhāī
Gokul mean dekho bāje badhāī ||
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शनिवार, 6 जनवरी 2024

एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है साजना | Ehsan Mere Dil Pe Tumhara Hai Sajna | Sohar Geet Lyrics in Hindi | सोहर गीत लिरिक्‍स

एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है साजना | Ehsan Mere Dil Pe Tumhara Hai Sajna | Sohar Geet Lyrics in Hindi | सोहर गीत लिरिक्‍स 

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एहसान मेरे दिल पे 
तुम्हारा है साजना
तुम्हारा है साजना, 
तुम्हारा है साजना,
एहसान मेरे दिल पे 
तुम्हारा है साजना
जो तुमने दिया गोद 
खिलाने को लालना ||
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सासू हमारी आयेगीं 
मतलब के वास्ते
मम्मी भी दौड़ी आएगी 
चरुवे के वास्ते
दोनों को नेग देना 
न मन घटाना
जो तुमने दिया गोद 
खिलाने को लालना ||
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एहसान मेरे दिल पे 
तुम्हारा है साजना
तुम्हारा है साजना, 
तुम्हारा है साजना,
जो तुमने दिया गोद 
खिलाने को लालना ||
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जिठनी हमारी आयेगीं 
मतलब के वास्ते
भाभी भी दौड़ी आएगी 
पिपरी के वास्ते
दोनों को नेग देना 
न मन घटाना
जो तुमने दिया गोद 
खिलाने को लालना ||
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एहसान मेरे दिल पे 
तुम्हारा है साजना
तुम्हारा है साजना, 
तुम्हारा है साजना,
जो तुमने दिया गोद 
खिलाने को लालना ||
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ननद हमारी आयेगीं 
मतलब के वास्ते
बहना भी दौड़ी आएगी 
छठी के वास्ते
दोनों को नेग देना 
न मन घटाना
जो तुमने दिया गोद 
खिलाने को लालना ||
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एहसान मेरे दिल पे 
तुम्हारा है साजना
तुम्हारा है साजना, 
तुम्हारा है साजना,
जो तुमने दिया गोद 
खिलाने को लालना ||
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देवर हमारे आयेगें 
मतलब के वास्ते
भईया भी दौड़े आएगें 
वंशी के वास्ते
दोनों को नेग देना 
न मन घटाना
जो तुमने दिया गोद 
खिलाने को लालना ||
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एहसान मेरे दिल पे 
तुम्हारा है साजना
तुम्हारा है साजना, 
तुम्हारा है साजना,
जो तुमने दिया गोद 
खिलाने को लालना ||
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शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023

देवकी के कोखिया से जनमल कृष्ण कन्हैया रे // Devaki Ke Kokhiya Se Janamal Krishna Kanhaiya Re // Krishna Bhajan Lyrics in Hindi

देवकी के कोखिया  से जनमल कृष्ण कन्हैया रे // Devaki Ke Kokhiya Se Janamal Krishna Kanhaiya Re // Krishna Bhajan Lyrics in Hindi


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देवकी के कोखिया  से 
जनमल कृष्ण कन्हैया रे 
देवकी के कोखिया से 
जनमल कृष्ण कन्हैया रे 
ललना रे विधि के लिखल संजोग 
यशोदा भइली मैया रे
ललना रे विधि के लिखल संजोग 
यशोदा भइली मैया रे
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जेहल में जननी के नोर 
देवकी के लाल दूर गइले रे
जेहल में जननी के नोर 
देवकी के लाल दूर गइले रे
ललना रे सोचि क केलथि संतोख 
नेना के प्राण बचि गइल रे
ललना रे सोचि क केलथि संतोख 
नेना के प्राण बचि गइल रे
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पुलकित नन्द के दुआरि 
जनम लेले बालक रे
पुलकित नन्द के दुआरि 
जनम लेले बालक रे
ललना रे देखू सखी रूप निहारि 
देखथि मैया अपलक रे
ललना रे देखू सखी रूप निहारि 
देखथि मैया अपलक रे
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दीनघर बसन के दान 
कि संगे अन्न द्रव दान रे 
दीनघर बसन के दान 
कि संगे अन्न द्रव दान रे
ललना रे गोकुला मे नवल विहान 
बढ़ल नन्द-वंश मान रे
ललना रे गोकुला मे नवल विहान 
बढ़ल नन्द-वंश मान रे
सुनू सुनू माय यशोदा 
जीबहु पूत तोहर रे
सुनू सुनू माय यशोदा 
जीबहु पूत तोहर रे
ललना रे पलना मे डोलथ कन्हैया 
रचल शिव सोहर रे
ललना रे पलना मे डोलथ कन्हैया 
रचल शिव सोहर रे
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ललना रे देखू सखी रूप निहारि 
देखथि मैया अपलक रे
ललना रे गोकुला मे नवल विहान 
बढ़ल नन्द-वंश मान रे
ललना रे पलना मे डोलथ 
कन्हैया रचल शिव सोहर रे
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देवकी के कोखिया  से जनमल कृष्ण कन्हैया रे // Devaki Ke Kokhiya Se Janamal Krishna Kanhaiya Re // Krishna Bhajan Lyrics in Hindi
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Devakī ke kokhiyā  se 
Janamal kṛuṣhṇa kanhaiyā re 
Devakī ke kokhiyā se 
Janamal kṛuṣhṇa kanhaiyā re 
Lalanā re vidhi ke likhal sanjog 
Yashodā bhailī maiyā re
Lalanā re vidhi ke likhal sanjog 
Yashodā bhailī maiyā re
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Jehal mean jananī ke nor 
Devakī ke lāl dūr gaile re
Jehal mean jananī ke nor 
Devakī ke lāl dūr gaile re
Lalanā re sochi k kelathi santokh 
Nenā ke prāṇ bachi gail re
Lalanā re sochi k kelathi santokh 
Nenā ke prāṇ bachi gail re
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Pulakit nanda ke duāri 
Janam lele bālak re
Pulakit nanda ke duāri 
Janam lele bālak re
Lalanā re dekhū sakhī rūp nihāri 
Dekhathi maiyā apalak re
Lalanā re dekhū sakhī rūp nihāri 
Dekhathi maiyā apalak re
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Dīnaghar basan ke dān 
Ki sange anna drav dān re 
Dīnaghar basan ke dān 
Ki sange anna drav dān re
Lalanā re gokulā me naval vihān 
Badhl nanda-vansha mān re
Lalanā re gokulā me naval vihān 
Badhl nanda-vansha mān re
Sunū sunū māya yashodā 
Jībahu pūt tohar re
Sunū sunū māya yashodā 
Jībahu pūt tohar re
Lalanā re palanā me ḍolath kanhaiyā 
Rachal shiv sohar re
Lalanā re palanā me ḍolath kanhaiyā 
Rachal shiv sohar re
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Lalanā re dekhū sakhī rūp nihāri 
Dekhathi maiyā apalak re
Lalanā re gokulā me naval vihān 
Badhl nanda-vansha mān re
Lalanā re palanā me ḍolath 
Kanhaiyā rachal shiv sohar re
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शनिवार, 23 दिसंबर 2017

धन धन नगर अयोध्‍या || Dhan Dhan Nagar Ayodhya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi & English

धन धन नगर अयोध्‍या || Dhan Dhan Nagar Ayodhya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi & Englsih

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सोहर: भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा

सोहर एक पारंपरिक लोकगीतों की एक विधा है जो विशेष रूप से उत्तर भारत में बच्‍चे के जन्म के समय गाया जाता है। यह गीत विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में प्रचलित है। सोहर लोकगीत को मुख्य रूप से नवजात शिशु को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए और नवप्रसूता माता के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए गाया जाता है। यह गीत मातृत्व, जीवन और प्रकृति के साथ गहरे संबंधों को प्रदर्शित करता है। 

सोहर का इतिहास और महत्व

भारतीय समाज का हर पहलू संगीत से जुड़ा हुआ है और उसकी क्रम में सोहर भी प्राचीन काल से गाया जाता रहा है। सोहर में माताएं अपने बच्चों के जन्म पर खुशियों का प्रकटीकरण करने के लिए इस गीत का सहारा लेती थीं। इस गीत में आमतौर पर प्रकृति, माता-पिता की खुशी और नवजात के भविष्य की शुभकामनाएं होती हैं। सोहर गाने की परंपरा से जुड़ी कई कथाएं भी हैं, जो इसकी सांस्कृतिक गहराई को और बढ़ाती हैं।

सोहर के बोल एवं गायन शैली

सोहर के बोल आमतौर पर सरल और मनमोहक होते हैं। ये गीत माता-पिता की खुशी को व्यक्त करते हैं और नवजात के लिए आशीर्वाद स्वरूप होते हैं। गीत में अक्सर प्राकृतिक सौंदर्य, जैसे फूलों और पेड़ों का उल्लेख किया जाता है, जो जीवन की नवीनीकरण का प्रतीक हैं। सोहर गीतों में परिवार के सभी सदस्‍यों को उनके नाम से सम्‍बोधित करते हुए भी गाने की परम्‍परा देखी गयी है। सोहर के द्वारा वर पक्ष एवं कन्‍या पक्ष के सभी सदस्‍यों में प्रति आभार एवं प्रेम का प्रदर्शन भी विशेष रूप से किया जाता है। 

सोहर का सामाजिक पहलू

सोहर केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह समाज की एकता और सांस्‍कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। जब परिवार और मित्र एकत्र होते हैं, तो सोहर गाने से खुशी और उल्लास का माहौल बनता है। यह पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है और सामाजिक मेलजोल को बढ़ावा देता है।

सोहर और भारतीय संस्‍कृति 

सोहर भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो जन्म उत्सव के दौरान प्रेम और खुशी का प्रदर्शन करता है। यह गीत मातृत्व की विशेषताओं और जीवन के उत्सव को दर्शाता है। सोहर की मधुर धुनें न केवल खुशी का संचार करती हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक हैं। इस प्रकार, सोहर हमारे समाज की पहचान और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने में मदद करता है।

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धन धन नगर अयोध्‍या 
धनय राजा दशरथ 
धनय राजा दशरथ हो
अब धन री कौशिल्‍या 
तोरे भाग रम‍इया जहाँ जनमे
रमइया जहॉं जनमे हो
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धन धन नगर अयोध्‍या, 
धनय राजा दशरथ, 
धनय राजा दशरथ हो
अब धन री कौशिल्‍या 
तोरे भाग रम‍इया जहाँ जनमे
रमइया जहॉं जनमे हो
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जउने दिन रामा जनम भे हैं 
धरती अनन्‍द भई
धरती अनन्‍द भई हो
अब बजे लगी अनन्‍द बधइयॉं 
गावेंरी सखी सोहर
गावेरी सखी सोहर हो
सखी बजे लगी अनन्‍द बधइयॉं 
गावेंरी सखी सोहर
गावेरी सखी सोहर हो
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जउने दिन रामा जनम भे हैं 
मोतियन लुट भई
मोतियन लुट भई हो
अब मोतिया के नाक बेसरिया 
कोशिल्‍या नथ सोहे
कौशिल्‍या नथ सोहे हो
जउने दिन रामा जनम भे हैं 
मोतियन लुट भई
मोतियन लुट भई हो
अब मोतिया के नाक बेसरिया 
कोशिल्‍या नथ सोहे
कौशिल्‍या नथ सोहे हो
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धन धन नगर अयोध्‍या, 
धनय राजा दशरथ, 
धनय राजा दशरथ हो
अब धन री कौशिल्‍या तोरे भाग 
रम‍इया जहॉं जनमे
रमइया जहॉं जनमे हो
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धन धन नगर अयोध्‍या || Dhan Dhan Nagar Ayodhya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi & English

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Dhan dhan nagar ayodhyā 
Dhanaya rājā dasharath 
Dhanaya rājā dasharath ho
Ab dhan rī kaushilyā 
Tore bhāg ramaiyā jahā janame
Ramaiyā jahaan janame ho
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Dhan dhan nagar ayodhyā, 
Dhanaya rājā dasharatha, 
Dhanaya rājā dasharath ho
Ab dhan rī kaushilyā 
Tore bhāg ramaiyā jahā janame
Ramaiyā jahaan janame ho
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Jaune din rāmā janam bhe haian 
Dharatī anand bhaī
Dharatī anand bhaī ho
Ab baje lagī anand badhaiyaan 
Gāveanrī sakhī sohara
Gāverī sakhī sohar ho
Sakhī baje lagī anand badhaiyaan 
Gāveanrī sakhī sohara
Gāverī sakhī sohar ho
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Jaune din rāmā janam bhe haian 
Motiyan luṭ bhaī
Motiyan luṭ bhaī ho
Ab motiyā ke nāk besariyā 
Koshilyā nath sohe
Kaushilyā nath sohe ho
Jaune din rāmā janam bhe haian 
Motiyan luṭ bhaī
Motiyan luṭ bhaī ho
Ab motiyā ke nāk besariyā 
Koshilyā nath sohe
Kaushilyā nath sohe ho
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Dhan dhan nagar ayodhyā, 
Dhanaya rājā dasharatha, 
Dhanaya rājā dasharath ho
Ab dhan rī kaushilyā tore bhāg 
Ramaiyā jahaan janame
Ramaiyā jahaan janame ho
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