नटखट-नटखट नन्दकिशोर || Natkhat Natkhat Nand Kishor || Shri Krishna Leela || Krishna Bhajan Lyrics in Hindi
नटखट-नटखट नन्दकिशोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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संग में ग्वालों की टोली बड़ी,
माखन चुराने की आदत पड़ी,
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ऊँची मटुकिया में माखन भरा,
आँगन में माखन बिखरा पड़ा,
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हाथ नहीं आए झपट के खाय,
गटक-गटक माखन गटकाय,
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अरी यही रोज का इसका दौर,
माखन खाय गया माखन-चोर
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नटखट-नटखट नन्दकिशोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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गोकुल की गलियों में मच गयो शोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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मुख में माखन कन्हैया भागे,
पीछे-पीछे गोपी कन्हैया आगे,
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कहाँ भाजो जाय माखन चुराय,
देऊँगी उलाहिनों तेरे घर जाय,
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पकड़ के ग्वालिन कन्हैया को हाथ,
आई नन्द-द्वारे कन्हैया के साथ,
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आयो तेरो लाल मेरी मटुकी फोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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नटखट-नटखट नन्दकिशोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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गोकुल की गलियों में मच गयो शोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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क्यों रे कन्हैया क्यों घर-घर जाय,
नित-नित काहे उलाहिनों लाय,
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घर की गइयन को माखन न खाय,
पर-घर जाय काहे माखन चुराय,
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माता यशोदा से नाऊँ चुराय,
मन-ही-मन कान्हा मुसकाय,
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ओखल से बाँधो पाई खुल गई डोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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नटखट-नटखट नन्दकिशोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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गोकुल की गलियों में मच गया शोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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कान्हा की आँखों में आँसू भरे,
कैसे यशोदा माई धीरज धरे,
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माखन-मिसरी को भोग लगाय,
रूठे कन्हैया को लीनों मनाय,
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लीलाधारी की लीला अपार,
बोलो कन्हैया की जय-जयकार,
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माखन को नाँय, ये तो है चित-चोर,
मन हर लीनों नंदकिशोर,
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नटखट-नटखट नन्दकिशोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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गोकुल की गलियों में मच गया शोर,
माखन खाय गयो माखन-चोर
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