गुरुवार, 15 मई 2025

सिव पूजत हो गौरी पूजत जनक दुलारी | Ram Bhajn Lyrics in Hindi & English | Shiv Pujat Ho Gauri Pujat Janak Dulari

सिव पूजत हो गौरी पूजत जनक दुलारी | Ram Bhajn Lyrics in Hindi & English | Shiv Pujat Ho Gauri Pujat Janak Dulari

***
Ram Bhajn Lyrics in Hindi & English
***
संपादक - प्रो० सूर्य प्रसाद दीक्षित
***
भारतीय लोकसंस्कृति में देवी गौरी (पार्वती) की पूजा और भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। अवधी क्षेत्र के इस लोकप्रिय लोकगीत “सिव पूजत हो गौरी” में देवी की पूजा, सीता की शिव भक्ति और धार्मिक भावनाओं का मनोहारी चित्रण मिलता है।
यह गीत न केवल धार्मिक श्रद्धा को दर्शाता है, बल्कि जनजीवन की सादगी और लोकधार्मिक भावनाओं को भी उजागर करता है।
यह गीत पारंपरिक अवधी भक्ति और विवाह संस्कार की झलक प्रस्तुत करता है।
गौरी पूजा मुख्यतः हिन्दू महिलाओं द्वारा की जाती है, जो परिवार की समृद्धि और सौभाग्य की कामना करती हैं।
शिव जी की आराधना विशेष रूप से विवाह योग्य कन्याओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इस गीत के माध्यम से जनजीवन में धार्मिक अनुष्ठान और भावनाओं का सामंजस्य दिखता है।
“सिव पूजत हो गौरी” लोकगीत धार्मिक श्रद्धा, सांस्कृतिक विरासत और जनजीवन की सादगी का अनुपम उदाहरण है। यह गीत हमें याद दिलाता है कि कैसे हमारी लोकधार्मिक परंपराएँ पीढ़ी दर पीढ़ी संजोई जाती हैं।
यदि आप इस प्रकार के लोकगीत पसंद करते हैं, तो हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और अपनी पसंदीदा लोककथाएँ साझा करें!
***
सिव पूजत हो गौरी 
पूजत जनक दुलारी 
बैठी फुलवारी।
**
पाँचौ फूल पाँच बेल की पाती हो 
सीता हथवा में लीन्हें बाती 
बैठी फुलवारी ।
**
फुलवै दूरि सीता शिव जी को पूजइँ हो 
अब अच्छत मारी दुइ चारी 
बैठी फुलवारी ।।
**
अब शिव बाबा हो 
अब शिव भोले 
हँसले ठठारी 
बैठी फुलवारी ।। 
**
जवन माँगन तुहुँ माँगो हो जानकी 
अब उहै माँगन हम देबई 
बैठी फुलवारी ।।
**
अब सिव बाबा हो 
अब सिव भोले 
कब तक रहबै कुँवारी 
बैठी फुलवारी।
***

सिव पूजत हो गौरी पूजत जनक दुलारी | Ram Bhajn Lyrics in Hindi & English | Shiv Pujat Ho Gauri Pujat Janak Dulari

**
Siv poojat ho Gauri
Poojat Janak dulaari
Baithi phulvaari
**
Paanchou phool paanch bel ki paati ho
Sita hathwa mein leenhain baati
Baithi phulvaari
**
Phulvai doori Sita Shiv ji ko poojaain ho
Ab achchat maari dui chaari
Baithi phulvaari
**
Ab Shiv Baba ho
Ab Shiv Bhole
Hansle thathaari
Baithi phulvaari
**
Jawan maangan tuhũ maango ho Janki
Ab uhai maangan hum debai
Baithi phulvaari
**
Ab Siv Baba ho
Ab Siv Bhole
Kab tak rahbai kunwaari
Baithi phulvaari
**

सखि ये दोउ राज किसोर सभा में आये | Ram Bhajan Lyrics in Hindi & English | Sakhi Ye Dou Raj Kisor Sabha Me Aaye

सखि ये दोउ राज किसोर सभा में आये | Ram Bhajan Lyrics in Hindi & English | Sakhi Ye Dou Raj Kisor Sabha Me Aaye

***
Ram Bhajan Lyrics in Hindi & English
***
जनकपुरी की सभा में श्री राम का आगमन 
भारतीय संस्कृति में रामकथा केवल एक धार्मिक आख्यान नहीं, बल्कि आदर्श जीवन का मार्गदर्शन है। रामायण के विवाह प्रसंग में एक ऐसा क्षण आता है, जब अयोध्या के राजकुमार श्री राम, अपने छोटे भाई लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र के साथ मिथिला नरेश जनक की सभा में प्रवेश करते हैं। यह दृश्य केवल कथा का मोड़ नहीं, बल्कि सौंदर्य, मर्यादा और भक्ति का अद्वितीय संगम है।
मिथिला की सभा
मिथिला के राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के स्वयंवर की घोषणा की थी। शर्त थी – जो वीर भगवान शिव का धनुष (पिनाक) उठाकर प्रत्यंचा चढ़ा देगा, वही सीता से विवाह करेगा। यह कार्य अब तक किसी से संभव नहीं हो पाया था।
जनक की विशाल सभा में देश-देशांतर के राजा, राजकुमार, विद्वान और वीर उपस्थित थे। सभा अलंकृत थी – सुनहरे स्तंभ, रत्नजड़ित आसन, फूलों की वर्षा, और भव्य द्वार पर संगीत की गूंज।
जनकपुरी की सभा में राम, लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र का प्रवेश केवल एक कथा प्रसंग नहीं, बल्कि आदर्श आचरण, विनम्रता और भक्ति का जीवंत चित्र है। यह दृश्य आज भी भक्ति-साहित्य में उतना ही प्रासंगिक है, जितना हजारों वर्ष पहले था। इसे पढ़ते-सुनते समय हृदय में श्रद्धा, आँखों में भक्ति और मन में शांति का अनुभव स्वाभाविक है।
इसी क्रम में लेखक एवं संपादक - प्रो० सूर्य प्रसाद दीक्षित के द्वारा संकलित एक सुन्‍दर लोकगीत प्रस्‍तुत है। मुझे पूर्ण विश्‍वास है कि यह लोकगीत आपको अवश्‍य पसन्‍द आयेगा और आपको अतीत की गहराइयों में ले जायेगा। मेरा आपसे आग्रह है कि यदि आपके पास भी आपके क्षेत्र में प्रचलित कोई लोकगीत हो तो हमें अवश्‍य उपलब्‍ध करायें हम उसे आपके नाम से साथ अपने ब्‍लाग पर प्रकाशित करेंगे।
***
सखि ये दोउ राज किसोर

सभा में आये।।
राजा जनक परन यकु ठाना 
धनुवा देत धराये।
**
देस-देस के भूपति आये 
धनुवा नहिं सकत उठाये।
उठे राम गुरु अग्या लइके 
धनुवा लेत चढ़ाये।
**
धरत, उठावत कोऊ नहि देखत 
छनहीं में तोरि बहायें
सखि ये दोउ राज किसोर
सभा में आये।।
***

सखि ये दोउ राज किसोर सभा में आये | Ram Bhajan Lyrics in Hindi & English | Sakhi Ye Dou Raj Kisor Sabha Me Aaye

**
Sakhi ye dou raaj kisor
Sabha mein aaye
Raja Janak paran yaku thaana
Dhanua det dharaaye
**
Des-des ke bhoopati aaye
Dhanua nahin sakat uthaaye
Uthe Ram guru agya laike
Dhanua let chadhaaye
**
Dharat, uthavat kou nahin dekhat
Chhanhi mein tori bahaaye
Sakhi ye dou raaj kisor
Sabha mein aaye
**

श्रीराम जन्म कथा | तुलसीदास राम जन्म गीत और लोकगीत | जहाँ राम लिहे अवतार सुरन हरसायी | Lokgeet Lyrics in Hindi & English | Ram Ji Ke Bhajan Lyrics | Jaha Ram Lihe Avatar

जहाँ राम लिहे अवतार सुरन हरसायी | Lokgeet Lyrics in Hindi & English | Ram Ji Ke Bhajan Lyrics | Jaha Ram Lihe Avatar

***
Lokgeet Lyrics in Hindi & English
***
रचयिता - गोस्‍वामी तुलसीदास जी
**
श्रीराम जन्म : लोकगीतों और तुलसीदास की वाणी में
भारतीय संस्कृति में भगवान श्रीराम का स्थान सर्वोपरि है। वे केवल अयोध्या के राजकुमार ही नहीं, बल्कि धर्म, मर्यादा और आदर्श पुरुष के प्रतीक भी हैं। हर युग में लोकगीत, भजन, चौपाई और रामायण की कथाएँ गाकर लोग उनके जन्म, जीवन और आदर्शों को याद करते आए हैं।
राजा दशरथ की तीन रानियाँ – कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा थीं। संतान प्राप्ति के लिए राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराया। उसी यज्ञ से प्राप्त दिव्य खीर को तीनों रानियों ने ग्रहण किया और समय आने पर भगवान विष्णु स्वयं श्रीराम रूप में अवतरित हुए।
श्रीराम के जन्म की घड़ी जैसे ही आई, अयोध्या नगरी आनंद और उल्लास से भर गई।
भारतीय गाँवों और लोकपरंपराओं में श्रीराम जन्म का वर्णन आज भी गीतों और भजनों में किया जाता है। सोहर गीत (बच्चे के जन्म पर गाया जाने वाला गीत) में श्रीराम जन्म का वर्णन विशेष रूप से होता है। ग्रामीण महिलाएँ गाती हैं कि कैसे दशरथ के महलों में दीप जल उठे, कैसे कौशल्या ने राम को जन्म दिया और पूरी अयोध्या में उल्लास छा गया। 
आज जब मानव जीवन चुनौतियों से भरा हुआ है, श्रीराम का जन्म और जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि - कठिनाइयों में भी धर्म और सत्य का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। परिवार और समाज के प्रति कर्तव्य को सर्वोपरि मानना चाहिए। जीवन में चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियाँ आएं, मर्यादा और संयम का पालन करना ही असली आदर्श है। इसी क्रम में प्रस्‍तुत है गोस्‍वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित बहुत ही भावपूर्ण श्रीराम जन्‍म गीत। मुझे पूर्ण विश्‍वास है कि आपको यह गीत अवश्‍य पसन्‍द आयेगा। यदि आप भी गीत लिखते हैं या आपके पास भी ऐसे गीतों का संकलन है तो हमारे साथ अवश्‍य साझा करें जिससे हम उसे आपके नाम के साथ प्रकाशित कर और लोगों तक पहुँचा सकें। 
**
जहाँ राम लिहे अवतार 
सुरन हरसायी।
अनँद बधाव अवधपुर बाजै 
सब सखि मंगल गाई।
**
बिप्र बोलाय के वेद विचारत 
कर कंचन देत लुटाई ।।
भइ अति भीर धीर राजा घर 
राम देखन सब आयी।
**
राम का रूप कहाँ तक बरनौ 
उपमा बरनि न जाई।
पुरबासी सब मगन भये हैं 
घर घर नाच कराई।
**
जह देखौ तहँ थेई थेई मानौ 
उतरि पुर आई।
धन्य कहौं तोहे मातु कौसिला 
राम को गोद खेलायी।
**
धनि तुलसी 
धनि-धनि राजा दशरथ 
जिन राम लखन सुख पायी।।
***

जहाँ राम लिहे अवतार सुरन हरसायी | Lokgeet Lyrics in Hindi & English | Ram Ji Ke Bhajan Lyrics | Jaha Ram Lihe Avatar

**
Jahaan Ram lihe avtaar
Suran harsaayi।
Anand badhaav Avadhpur baajai
Sab sakhi mangal gaayi।
**
Bipr bolaay ke Ved vichaarat
Kar kanchan det lutaayi।।
Bhai ati bheer dheer Raja ghar
Ram dekhan sab aayi।
**
Ram ka roop kahaan tak baranau
Upma barni na jaayi।
Purbasi sab magan bhaye hain
Ghar ghar naach karaayi।
**
Jah dekhau tah thei thei maano
Utri pur aayi।
Dhanya kahau tohe Maatu Kaushila
Ram ko god khelaayi।
**
Dhani Tulsii
Dhani-dhani Raja Dashrath
Jin Ram Lakhan sukh paaayi।।
**

शनिवार, 22 मार्च 2025

दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे || Banna Banni Lyrics in Hindi and English || Do Hanso Ki Gadi

दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे || Banna Banni Lyrics in Hindi and English || Do Hanso Ki Gadi

***
Banna Banni Lyrics in Hindi and English
***
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे
मण्डप के नीचे बाबा खड़े रोवें
दादी रानी से मुखड़ा मोड़ चली रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे
**
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे
मण्डप के नीचे पापा खड़े रोवें
मम्मी रानी से मुखड़ा मोड़ चली रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे
**
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे
मण्डप के नीचे जीजा खड़े रोवें
दीदी रानी से मुखड़ा मोड़ चली रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे
**
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे
दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे
मण्डप के नीचे भईया खड़े रोवें
भाभी रानी से मुखड़ा मोड़ चली रे
आज मेरी बन्नी ससुराल चली रे
***

दो हँसों की गाड़ी तैयार खड़ी रे || Banna Banni Lyrics in Hindi and English || Do Hanso Ki Gadi

***
Do hasoan kī gāḍaī taiyār khaḍaī re
Do hasoan kī gāḍaī taiyār khaḍaī re
Āj merī bannī sasurāl chalī re
Maṇḍap ke nīche bābā khaḍae rovean
Dādī rānī se mukhaḍaā moḍa chalī re
Āj merī bannī sasurāl chalī re
**
Do hasoan kī gāḍaī taiyār khaḍaī re
Do hasoan kī gāḍaī taiyār khaḍaī re
Āj merī bannī sasurāl chalī re
Maṇḍap ke nīche pāpā khaḍae rovean
Mammī rānī se mukhaḍaā moḍa chalī re
Āj merī bannī sasurāl chalī re
**
Do hasoan kī gāḍaī taiyār khaḍaī re
Do hasoan kī gāḍaī taiyār khaḍaī re
Āj merī bannī sasurāl chalī re
Maṇḍap ke nīche jījā khaḍae rovean
Dīdī rānī se mukhaḍa़ā moḍa chalī re
Āj merī bannī sasurāl chalī re
**
Do hasoan kī gāḍaī taiyār khaḍaī re
Do hasoan kī gāḍaī taiyār khaḍaī re
Āj merī bannī sasurāl chalī re
Maṇḍap ke nīche bhaīyā khaḍae rovean
Bhābhī rānī se mukhaḍaā moḍa chalī re
Āj merī bannī sasurāl chalī re
***

शुक्रवार, 21 मार्च 2025

नीचे पान की दुकान || Banna Banni Geet Lyrics in Hindi and English || Neeche Paan Ki Dukan

नीचे पान की दुकान || Banna Banni Geet Lyrics in Hindi and English || Neeche Paan Ki Dukan

***
Banna Banni Geet Lyrics in Hindi and English
***
नीचे पान की दुकान 
ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान 
किराया कितना
**
मैंने खाना बनाया तुम्हारे लिए
मैंने खाना बनाया तुम्हारे लिए
सब खा गए मेहमान 
जिनकी जान न पहचान
बोलो बोलो मेरी जान 
किराया कितना
**
नीचे पान की दुकान 
ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान 
किराया कितना
**
मैंने पानी मँगाया तुम्हारे लिए
मैंने पानी मँगाया तुम्हारे लिए
सब पी गए मेहमान 
जिनकी जान न पहचान
बोलो बोलो मेरी जान 
किराया कितना
**
नीचे पान की दुकान 
ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान 
किराया कितना
**
मैंने बीड़े लगाए तुम्हारे लिए
मैंने बीड़े लगाए तुम्हारे लिए
सब खा गए मेहमान 
जिनकी जान न पहचान
बोलो बोलो मेरी जान 
किराया कितना
**
नीचे पान की दुकान 
ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान 
किराया कितना
**
मैंने सेज बिछाया तुम्हारे लिए
मैंने सेज बिछाया तुम्हारे लिए
सब सो गए मेहमान 
जिनकी जान न पहचान
बोलो बोलो मेरी जान 
किराया कितना
**
नीचे पान की दुकान 
ऊपर बन्नी का मकान
बोलो बोलो मेरी जान 
किराया कितना
***

नीचे पान की दुकान || Banna Banni Geet Lyrics in Hindi and English || Neeche Paan Ki Dukan

***
Nīche pān kī dukān 
Ūpar bannī kā makāna
Bolo bolo merī jān 
Kirāyā kitanā
**
Maianne khānā banāyā tumhāre lie
Maianne khānā banāyā tumhāre lie
Sab khā gae mehamān 
Jinakī jān n pahachāna
Bolo bolo merī jān 
Kirāyā kitanā
**
Nīche pān kī dukān 
Ūpar bannī kā makāna
Bolo bolo merī jān 
Kirāyā kitanā
**
Maianne pānī magāyā tumhāre lie
Maianne pānī magāyā tumhāre lie
Sab pī gae mehamān 
Jinakī jān n pahachāna
Bolo bolo merī jān 
Kirāyā kitanā
**
Nīche pān kī dukān 
Ūpar bannī kā makāna
Bolo bolo merī jān 
Kirāyā kitanā
**
Maianne bīḍae lagāe tumhāre lie
Maianne bīḍae lagāe tumhāre lie
Sab khā gae mehamān 
Jinakī jān n pahachāna
Bolo bolo merī jān 
Kirāyā kitanā
**
Nīche pān kī dukān 
Ūpar bannī kā makāna
Bolo bolo merī jān 
Kirāyā kitanā
**
Maianne sej bichhāyā tumhāre lie
Maianne sej bichhāyā tumhāre lie
Sab so gae mehamān 
Jinakī jān n pahachāna
Bolo bolo merī jān 
Kirāyā kitanā
**
Nīche pān kī dukān 
Ūpar bannī kā makāna
Bolo bolo merī jān 
Kirāyā kitanā
***