गुरुवार, 15 मई 2025

श्रीराम जन्म कथा | तुलसीदास राम जन्म गीत और लोकगीत | जहाँ राम लिहे अवतार सुरन हरसायी | Lokgeet Lyrics in Hindi & English | Ram Ji Ke Bhajan Lyrics | Jaha Ram Lihe Avatar

जहाँ राम लिहे अवतार सुरन हरसायी | Lokgeet Lyrics in Hindi & English | Ram Ji Ke Bhajan Lyrics | Jaha Ram Lihe Avatar

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Lokgeet Lyrics in Hindi & English
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रचयिता - गोस्‍वामी तुलसीदास जी
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श्रीराम जन्म : लोकगीतों और तुलसीदास की वाणी में
भारतीय संस्कृति में भगवान श्रीराम का स्थान सर्वोपरि है। वे केवल अयोध्या के राजकुमार ही नहीं, बल्कि धर्म, मर्यादा और आदर्श पुरुष के प्रतीक भी हैं। हर युग में लोकगीत, भजन, चौपाई और रामायण की कथाएँ गाकर लोग उनके जन्म, जीवन और आदर्शों को याद करते आए हैं।
राजा दशरथ की तीन रानियाँ – कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा थीं। संतान प्राप्ति के लिए राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराया। उसी यज्ञ से प्राप्त दिव्य खीर को तीनों रानियों ने ग्रहण किया और समय आने पर भगवान विष्णु स्वयं श्रीराम रूप में अवतरित हुए।
श्रीराम के जन्म की घड़ी जैसे ही आई, अयोध्या नगरी आनंद और उल्लास से भर गई।
भारतीय गाँवों और लोकपरंपराओं में श्रीराम जन्म का वर्णन आज भी गीतों और भजनों में किया जाता है। सोहर गीत (बच्चे के जन्म पर गाया जाने वाला गीत) में श्रीराम जन्म का वर्णन विशेष रूप से होता है। ग्रामीण महिलाएँ गाती हैं कि कैसे दशरथ के महलों में दीप जल उठे, कैसे कौशल्या ने राम को जन्म दिया और पूरी अयोध्या में उल्लास छा गया। 
आज जब मानव जीवन चुनौतियों से भरा हुआ है, श्रीराम का जन्म और जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि - कठिनाइयों में भी धर्म और सत्य का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। परिवार और समाज के प्रति कर्तव्य को सर्वोपरि मानना चाहिए। जीवन में चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियाँ आएं, मर्यादा और संयम का पालन करना ही असली आदर्श है। इसी क्रम में प्रस्‍तुत है गोस्‍वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित बहुत ही भावपूर्ण श्रीराम जन्‍म गीत। मुझे पूर्ण विश्‍वास है कि आपको यह गीत अवश्‍य पसन्‍द आयेगा। यदि आप भी गीत लिखते हैं या आपके पास भी ऐसे गीतों का संकलन है तो हमारे साथ अवश्‍य साझा करें जिससे हम उसे आपके नाम के साथ प्रकाशित कर और लोगों तक पहुँचा सकें। 
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जहाँ राम लिहे अवतार 
सुरन हरसायी।
अनँद बधाव अवधपुर बाजै 
सब सखि मंगल गाई।
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बिप्र बोलाय के वेद विचारत 
कर कंचन देत लुटाई ।।
भइ अति भीर धीर राजा घर 
राम देखन सब आयी।
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राम का रूप कहाँ तक बरनौ 
उपमा बरनि न जाई।
पुरबासी सब मगन भये हैं 
घर घर नाच कराई।
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जह देखौ तहँ थेई थेई मानौ 
उतरि पुर आई।
धन्य कहौं तोहे मातु कौसिला 
राम को गोद खेलायी।
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धनि तुलसी 
धनि-धनि राजा दशरथ 
जिन राम लखन सुख पायी।।
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जहाँ राम लिहे अवतार सुरन हरसायी | Lokgeet Lyrics in Hindi & English | Ram Ji Ke Bhajan Lyrics | Jaha Ram Lihe Avatar

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Jahā rām lihe avatār 
Suran harasāyī
Anad badhāv avadhapur bājai 
Sab sakhi mangal gāī
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Bipra bolāya ke ved vichārat 
Kar kanchan det luṭāī
Bhai ati bhīr dhīr rājā ghar 
Rām dekhan sab āyī
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Rām kā rūp kahā tak baranau 
Upamā barani n jāī
Purabāsī sab magan bhaye haian 
Ghar ghar nāch karāī
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Jah dekhau taha theī theī mānau 
Utari pur āī
Dhanya kahauan tohe mātu kausilā 
Rām ko god khelāyī
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Dhani tulasī 
Dhani-dhani rājā dasharath 
Jin rām lakhan sukh pāyī
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