बुधवार, 15 फ़रवरी 2017

पवन उड़ा के ले गयी हो मैया की चुनरिया || Pawan uda ke ke gayi ho maiya ki chunariya || Devi Geet || Bhajan

पवन उड़ा के ले गयी हो मैया की चुनरिया || Pawan uda ke ke gayi ho maiya ki chunariya || Devi Geet || Bhajan

पवन उड़ा के ले गयी हो 
मैया की चुनरिया
उड़ उड़ चुनरी विन्ध्याचल में पहुँची,
भक्तों के मन को भाय गयी हो, 
मैया की चुनरिया।।
उड़ उड़ चुनरी वृन्दावन में पहुँची,
ललिता के मन को भाय गयी हो, 
मैया की चुनरिया।।


उड़ उड़ चुनरी हिमांचल में पहुँची,
गौरा के मन को भाय गयी हो, 

मैया की चुनरिया।।

उड़ उड़ चुनरी मथुरा में पहुँची,
राधा के मन को भाय गयी हो, 

मैया की चुनरिया।


(तर्ज - चलत मुसाफिर मोह लियो रे पिंजड़े वाली मुनिया)

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