यह लोकगीतों को एक माला में पिरोने का प्रयास है। परम्परा से हमारे लोकगीत पीढ़ी दर पीढ़ी सतत प्रवाहमान रहे हैं और राग, लय एवं भावों की समृद्धि सहेजे हुए हैं। यदि आपके पास भी लोक-गीत-माला में पिरोने हेतु कुछ मोती हों तो उन्हें ब्लॉगर को उपलब्ध कराकर कृतार्थ करें।
रविवार, 24 दिसंबर 2017
खेले सखियन संग फाग आज बरसाने में || Khele Sakhiyan Sang Fag aaj Barsane me || फाग || Faag
शनिवार, 23 दिसंबर 2017
धन धन नगर अयोध्या || Dhan Dhan Nagar Ayodhya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi & English
धन धन नगर अयोध्या || Dhan Dhan Nagar Ayodhya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi & Englsih
सोहर: भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा
सोहर एक पारंपरिक लोकगीतों की एक विधा है जो विशेष रूप से उत्तर भारत में बच्चे के जन्म के समय गाया जाता है। यह गीत विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में प्रचलित है। सोहर लोकगीत को मुख्य रूप से नवजात शिशु को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए और नवप्रसूता माता के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए गाया जाता है। यह गीत मातृत्व, जीवन और प्रकृति के साथ गहरे संबंधों को प्रदर्शित करता है।सोहर का इतिहास और महत्व
भारतीय समाज का हर पहलू संगीत से जुड़ा हुआ है और उसकी क्रम में सोहर भी प्राचीन काल से गाया जाता रहा है। सोहर में माताएं अपने बच्चों के जन्म पर खुशियों का प्रकटीकरण करने के लिए इस गीत का सहारा लेती थीं। इस गीत में आमतौर पर प्रकृति, माता-पिता की खुशी और नवजात के भविष्य की शुभकामनाएं होती हैं। सोहर गाने की परंपरा से जुड़ी कई कथाएं भी हैं, जो इसकी सांस्कृतिक गहराई को और बढ़ाती हैं।सोहर के बोल एवं गायन शैली
सोहर के बोल आमतौर पर सरल और मनमोहक होते हैं। ये गीत माता-पिता की खुशी को व्यक्त करते हैं और नवजात के लिए आशीर्वाद स्वरूप होते हैं। गीत में अक्सर प्राकृतिक सौंदर्य, जैसे फूलों और पेड़ों का उल्लेख किया जाता है, जो जीवन की नवीनीकरण का प्रतीक हैं। सोहर गीतों में परिवार के सभी सदस्यों को उनके नाम से सम्बोधित करते हुए भी गाने की परम्परा देखी गयी है। सोहर के द्वारा वर पक्ष एवं कन्या पक्ष के सभी सदस्यों में प्रति आभार एवं प्रेम का प्रदर्शन भी विशेष रूप से किया जाता है।सोहर का सामाजिक पहलू
सोहर केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह समाज की एकता और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। जब परिवार और मित्र एकत्र होते हैं, तो सोहर गाने से खुशी और उल्लास का माहौल बनता है। यह पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है और सामाजिक मेलजोल को बढ़ावा देता है।सोहर और भारतीय संस्कृति
धन धन नगर अयोध्या || Dhan Dhan Nagar Ayodhya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi & English
शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017
कंहवा में जनमिले राम || Kanhawa me janmile ram || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
कंहवा में जनमिले राम || Kanhawa me janmile ram || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
कंहवा में जनमिले राम || Kanhawa me janmile ram || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
गुरुवार, 21 दिसंबर 2017
कंहवा पे बोलेला कोयलिया || Kahwan pe bolela koyaliya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
कंहवा पे बोलेला कोयलिया || Kahwan pe bolela koyaliya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
बुधवार, 20 दिसंबर 2017
चारपइया पे खेल रहा ललना मेरा || Charpaiya pe khel raha lalna mera || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
चारपइया पे खेल रहा ललना मेरा || Charpaiya pe khel raha lalna mera || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
चारपइया पे खेल रहा ललना मेरा || Charpaiya pe khel raha lalna mera || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
मंगलवार, 19 दिसंबर 2017
काहे का रोवे ला ललनवा || Kahe ka rove la lalanawa || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
काहे का रोवे ला ललनवा || Kahe ka rove la lalanawa || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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दादा से कहबय
दादी से कहबय
दादा से कहबय
दादी से कहबय
चाचा से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
चाचा से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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अम्मा से कहबय
बप्पा से कहबय
अम्मा से कहबय
बप्पा से कहबय
बाबू से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
बाबू से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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मामा से कहबय
मामी से कहबय
मामा से कहबय
मामी से कहबय
मौसी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
मौसी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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मौसा से कहबय
मौसी से कहबय
मौसा से कहबय
मौसी से कहबय
भाभी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
भाभी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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बुआ से कहबय
फूफा से कहबय
बुआ से कहबय
फूफा से कहबय
नानी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
नानी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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सोमवार, 18 दिसंबर 2017
भादो के रात अंधरिया || Bhado ke rat andhariya || Sohar Lyrics in Hindi || सोहर
भादो के रात अंधरिया || Bhado ke rat andhariya || Sohar Lyrics in Hindi || सोहर
रविवार, 17 दिसंबर 2017
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे || Mohan Bhole Ban Ban Dole || कीर्तन || Keertan
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे || Mohan Bhole Ban Ban Dole || कीर्तन || Keertan
(तर्ज – तन डोले मेरा मन डोले)
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे,
देखो बजा रहा है बासुरिया ।।
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे...
कदम के नीचे वन्शी बजावे मोहन नन्द का लाला।
शब्द अमोल बन्शी बोले बन में भरे गुँजार रे ।
देखो बजा रहा है बासुरिया।।
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे...
क्षण क्षण पर रूप सलोना टोना कर दिखलाया ।
भक्तों का मन वश करने को श्याम सलोना आया।
हौले-हौले पुरवा डोले चलती सुखद बयार रे
देखो बजा रहा है बासुरिया ।।
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे...
शनिवार, 16 दिसंबर 2017
अरे मन क्यों यहॉं भूला || Are Man Kyon Yahan Bhula || Bhajan Lyrics in Hindi | कीर्तन | Keertan |
अरे मन क्यों यहॉं भूला || Are Man Kyon Yahan Bhula || Bhajan Lyrics in Hindi
(तर्ज – सजन रे झूठ मत बोलो)
तुझे सब छोड़ जाना है।
ये हाथी और घोड़ा सब,
ये झूठा कारखाना है।।
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अरे मन क्यों यहॉं भूला,
तुझे सब छोड़ जाना है।
ये जोड़ा जोड़ कर अब तक,
यहीं सब छूट जायेगा।
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न कौड़ी साथ जायेगी,
छूटे यहाँ ही खजाना है।।
अरे मन क्यों यहॉं भूला,
तुझे सब छोड़ जाना है।
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ये भाई औ भतीजे सब,
ये परिवार बेटे और बेटी।
ये सब झूठे ही रिश्ते हैं,
और झूठा हित जनाना है।।
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अरे मन क्यों यहॉं भूला,
तुझे सब छोड़ जाना है।
तू अब भी चेत जा मूरख
भगवन नाम को जप ले।
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उसी से प्यार कर सच्चा,
उसी से पार जाना है।।
अरे मन क्यों यहॉं भूला,
तुझे सब छोड़ जाना है।
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मेरी अंखियों के सामने ही रहना || Meri Akhiyo Ke Samne Hi Rahna || Devi Geet Lyrics in Hindi & English
मेरी अंखियों के सामने ही रहना || Meri Akhiyo Ke Samne Hi Rahna || Devi Geet Lyrics in Hindi & English ** ** मेरी अखियों के सामने ही रहन...