रविवार, 17 दिसंबर 2017

मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे || Mohan Bhole Ban Ban Dole || कीर्तन || Keertan

मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे || Mohan Bhole Ban Ban Dole || कीर्तन || Keertan 

(तर्ज – तन डोले मेरा मन डोले)

मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे,  

देखो बजा रहा है बासुरिया ।।


मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे...


श्‍याम वरण पीताम्‍बर धारी गल वैजन्‍ती माला।

कदम के नीचे वन्‍शी बजावे मोहन नन्‍द का लाला।

शब्‍द अमोल बन्‍शी बोले बन में भरे गुँजार रे ।

देखो बजा रहा है बासुरिया।।

मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे...


क्षण क्षण पर रूप सलोना टोना कर दिखलाया ।

भक्‍तों का मन वश करने को श्‍याम सलोना आया।

हौले-हौले पुरवा डोले चलती सुखद बयार रे

देखो बजा रहा है बासुरिया ।।

मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे...

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