सीता राम जी की प्यारी राजधानी लागे | Sita Ram Ji Ki Pyari Rajdhani Lage | Ram Sita Bhajan Lyrics in Hindi
*****सीता राम जी की प्यारी
राजधानी लागे
राजधानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी को पानी लागे
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धन्य कौशल्या धन्य कैकई
धन्य सुमित्रा मैया
धन्य सुमित्रा मैया
धन्य भूप दशरथ जी के आंगन
खेलत चारो भैया
मीठी तोतली रसीली प्रभु की
वाणी लागे
प्रभु की वाणी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी को पानी लागे ।
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छोटी छावनी रंगमहल
हनुमान गढ़ी अति सुन्दर
हनुमान गढ़ी अति सुन्दर
स्वयं जगत के मालिक बैठे
कनक भवन के अंदर
सीता राम जो की शोभा
सुखधानी लागे
सुखधानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी को पानी लागे
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सहज सुहावन जनम भूमि
श्री रघुवर राम लला की
श्री रघुवर राम लला की
जानकी महल सूचि सुन्दर शोभा
लक्ष्मण ज्यूत किला की
यहाँ के कण कण से
प्रीत पुरानी लागे
प्रीत पुरानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी को पानी लागे
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जय सियाराम दंडवत भैया
मधुरी वाणी बोले
मधुरी वाणी बोले
करे कीर्तन संत मगन मन
गली गली मे डोले
सीता राम नाम धुन प्यारीं
मस्तानी लागे
मस्तानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी को पानी लागे
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रघुपत प्रेम प्राप्त करके सब
पी कर श्री हरी रस को
पी कर श्री हरी रस को
गण ‘राजेश’ रहे नित निर्भय
फिकर कहो क्या उसको
जिसको मात पिता रघुराज
सिया महारानी लागे
सिया महारानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी को पानी लागे
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सीता राम जी की प्यारी
राजधानी लागे
राजधानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी को पानी लागे
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