बुधवार, 6 अप्रैल 2022

जग जननी दया करके मेरे घर भी आ जाना || Jag Janani Daya Karke Mere Ghar Bhi Aa Jana || Navratri Bhajan Lyrics in Hindi

जग जननी दया करके  मेरे घर भी आ जाना || Jag Janani Daya Karke Mere Ghar Bhi Aa Jana || Navratri Bhajan Lyrics in Hindi



(धुन – होठों से छू लो तुम)

जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना
जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना
पावन घर आंगन को 
हे मातु बना जाना 

जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना
युग युग से तरस रहे
नैना तेरे दर्शन को
युग युग से तरस रहे
नैना तेरे दर्शन को
बैठा हूँ बिछाए हुए 
तेरी राह में पलकन को
इन व्‍याकुल नैनों की
मॉं प्‍यास बुझा जाना 
जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना
जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना

एक बार तो मौका दो
तेरे चरण पखारूँ मैं
एक बार तो मौका दो
तेरे चरण पखारूँ मैं
तेरे नूरी मुखड़े को 
जी भर के निहारूँ मैं
दो पल ही सही मुझको 
एक झलक दिखा जाना 
जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना 

जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना
अच्‍छा हूँ बुरा हूँ मैं
जो भी हूँ तुम्‍हारा हूँ 
अच्‍छा हूँ बुरा हूँ मैं
जो भी हूँ तुम्‍हारा हूँ 
मुझको भी सहारा दो 
मॉं मैं बेसहारा हूँ
भटका हुआ राही हूँ 
मुझे राह दिखा जाना 
जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना 

जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना
कहते हैं तेरे दिल में 
ममता का सागर है
कहते हैं तेरे दिल में 
ममता का सागर है
इस दास की आखिर क्‍यों
खाली मॉं गागर है
दो बूँद मॉं ममता की
मुझको भी पिला जाना
जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना 
पावन घर ऑंगन को 
हे मात बना जाना
जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना

जग जननी दया करके
मेरे घर भी आ जाना

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