यह लोकगीतों को एक माला में पिरोने का प्रयास है। परम्परा से हमारे लोकगीत पीढ़ी दर पीढ़ी सतत प्रवाहमान रहे हैं और राग, लय एवं भावों की समृद्धि सहेजे हुए हैं। यदि आपके पास भी लोक-गीत-माला में पिरोने हेतु कुछ मोती हों तो उन्हें ब्लॉगर को उपलब्ध कराकर कृतार्थ करें।
बुधवार, 20 दिसंबर 2017
चारपइया पे खेल रहा ललना मेरा || Charpaiya pe khel raha lalna mera || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
मंगलवार, 19 दिसंबर 2017
काहे का रोवे ला ललनवा || Kahe ka rove la lalanawa || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
काहे का रोवे ला ललनवा || Kahe ka rove la lalanawa || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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दादा से कहबय
दादी से कहबय
दादा से कहबय
दादी से कहबय
चाचा से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
चाचा से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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अम्मा से कहबय
बप्पा से कहबय
अम्मा से कहबय
बप्पा से कहबय
बाबू से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
बाबू से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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मामा से कहबय
मामी से कहबय
मामा से कहबय
मामी से कहबय
मौसी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
मौसी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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मौसा से कहबय
मौसी से कहबय
मौसा से कहबय
मौसी से कहबय
भाभी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
भाभी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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बुआ से कहबय
फूफा से कहबय
बुआ से कहबय
फूफा से कहबय
नानी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
नानी से बोलेला ललनवा
सबेरे घुनघुनवा मंगाई देबै ना
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काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
काहे का रोवे ला ललनवा,
सबेरे घुनघुनवा मंगाइ देबै हो
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सोमवार, 18 दिसंबर 2017
भादो के रात अंधरिया || Bhado ke rat andhariya || Sohar Lyrics in Hindi || सोहर
भादो के रात अंधरिया || Bhado ke rat andhariya || Sohar Lyrics in Hindi || सोहर
रविवार, 17 दिसंबर 2017
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे || Mohan Bhole Ban Ban Dole || कीर्तन || Keertan
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे || Mohan Bhole Ban Ban Dole || कीर्तन || Keertan
(तर्ज – तन डोले मेरा मन डोले)
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे,
देखो बजा रहा है बासुरिया ।।
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे...
कदम के नीचे वन्शी बजावे मोहन नन्द का लाला।
शब्द अमोल बन्शी बोले बन में भरे गुँजार रे ।
देखो बजा रहा है बासुरिया।।
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे...
क्षण क्षण पर रूप सलोना टोना कर दिखलाया ।
भक्तों का मन वश करने को श्याम सलोना आया।
हौले-हौले पुरवा डोले चलती सुखद बयार रे
देखो बजा रहा है बासुरिया ।।
मोहन भोले, बन बन डोले राधा से करे विहार रे...
शनिवार, 16 दिसंबर 2017
अरे मन क्यों यहॉं भूला || Are Man Kyon Yahan Bhula || Bhajan Lyrics in Hindi | कीर्तन | Keertan |
अरे मन क्यों यहॉं भूला || Are Man Kyon Yahan Bhula || Bhajan Lyrics in Hindi
(तर्ज – सजन रे झूठ मत बोलो)
तुझे सब छोड़ जाना है।
ये हाथी और घोड़ा सब,
ये झूठा कारखाना है।।
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अरे मन क्यों यहॉं भूला,
तुझे सब छोड़ जाना है।
ये जोड़ा जोड़ कर अब तक,
यहीं सब छूट जायेगा।
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न कौड़ी साथ जायेगी,
छूटे यहाँ ही खजाना है।।
अरे मन क्यों यहॉं भूला,
तुझे सब छोड़ जाना है।
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ये भाई औ भतीजे सब,
ये परिवार बेटे और बेटी।
ये सब झूठे ही रिश्ते हैं,
और झूठा हित जनाना है।।
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अरे मन क्यों यहॉं भूला,
तुझे सब छोड़ जाना है।
तू अब भी चेत जा मूरख
भगवन नाम को जप ले।
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उसी से प्यार कर सच्चा,
उसी से पार जाना है।।
अरे मन क्यों यहॉं भूला,
तुझे सब छोड़ जाना है।
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मेरी अंखियों के सामने ही रहना || Meri Akhiyo Ke Samne Hi Rahna || Devi Geet Lyrics in Hindi & English
मेरी अंखियों के सामने ही रहना || Meri Akhiyo Ke Samne Hi Rahna || Devi Geet Lyrics in Hindi & English ** ** मेरी अखियों के सामने ही रहन...