यह लोकगीतों को एक माला में पिरोने का प्रयास है। परम्परा से हमारे लोकगीत पीढ़ी दर पीढ़ी सतत प्रवाहमान रहे हैं और राग, लय एवं भावों की समृद्धि सहेजे हुए हैं। यदि आपके पास भी लोक-गीत-माला में पिरोने हेतु कुछ मोती हों तो उन्हें ब्लॉगर को उपलब्ध कराकर कृतार्थ करें।
शनिवार, 8 सितंबर 2018
हमरे भये नन्दलाल रे चली आना ननदिया || बधाव || Badhav Geet Lyrics In Hindi
शुक्रवार, 31 अगस्त 2018
मोरा लाला खेलौना न लेय || Mora lala Khelauna Na ley || Sohar सोहर Lyrics in Hindi
मोरा लाला खेलौना न लेय || Mora lala Khelauna Na ley || Sohar सोहर Lyrics in Hindi
मोरा लाला खेलौना न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
मोरा लाला खेलौना न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
बाबा खेलावै आजी खेलावै,
बाबा खेलावैं आजी खेलावै
भला बाहर के कौनौ न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
मोरा लाला खेलौना न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
नाना खेलावै नानी खेलावै,
नाना खेलावैं नानी खेलावै
भला बाहर के कौनौ न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
मोरा लाला खेलौना न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
चाचा खेलावै चाची खेलावै,
चाचा खेलावैं चाची खेलावै
भला बाहर के कौनौ न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
मोरा लाला खेलौना न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
मामा खेलावै मामी खेलावै,
मामा खेलावैं मामी खेलावै
भला बाहर के कौनौ न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
मोरा लाला खेलौना न लेय,
नजर भला केकर लगी।।
चित्र https://vitrina96.ru से साभार
रविवार, 24 दिसंबर 2017
खेले सखियन संग फाग आज बरसाने में || Khele Sakhiyan Sang Fag aaj Barsane me || फाग || Faag
खेले सखियन संग फाग आज बरसाने में || Khele Sakhiyan Sang Fag aaj Barsane me || फाग || Faag
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शनिवार, 23 दिसंबर 2017
धन धन नगर अयोध्या || Dhan Dhan Nagar Ayodhya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi & English
धन धन नगर अयोध्या || Dhan Dhan Nagar Ayodhya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi & Englsih
सोहर: भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा
सोहर एक पारंपरिक लोकगीतों की एक विधा है जो विशेष रूप से उत्तर भारत में बच्चे के जन्म के समय गाया जाता है। यह गीत विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में प्रचलित है। सोहर लोकगीत को मुख्य रूप से नवजात शिशु को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए और नवप्रसूता माता के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए गाया जाता है। यह गीत मातृत्व, जीवन और प्रकृति के साथ गहरे संबंधों को प्रदर्शित करता है।सोहर का इतिहास और महत्व
भारतीय समाज का हर पहलू संगीत से जुड़ा हुआ है और उसकी क्रम में सोहर भी प्राचीन काल से गाया जाता रहा है। सोहर में माताएं अपने बच्चों के जन्म पर खुशियों का प्रकटीकरण करने के लिए इस गीत का सहारा लेती थीं। इस गीत में आमतौर पर प्रकृति, माता-पिता की खुशी और नवजात के भविष्य की शुभकामनाएं होती हैं। सोहर गाने की परंपरा से जुड़ी कई कथाएं भी हैं, जो इसकी सांस्कृतिक गहराई को और बढ़ाती हैं।सोहर के बोल एवं गायन शैली
सोहर के बोल आमतौर पर सरल और मनमोहक होते हैं। ये गीत माता-पिता की खुशी को व्यक्त करते हैं और नवजात के लिए आशीर्वाद स्वरूप होते हैं। गीत में अक्सर प्राकृतिक सौंदर्य, जैसे फूलों और पेड़ों का उल्लेख किया जाता है, जो जीवन की नवीनीकरण का प्रतीक हैं। सोहर गीतों में परिवार के सभी सदस्यों को उनके नाम से सम्बोधित करते हुए भी गाने की परम्परा देखी गयी है। सोहर के द्वारा वर पक्ष एवं कन्या पक्ष के सभी सदस्यों में प्रति आभार एवं प्रेम का प्रदर्शन भी विशेष रूप से किया जाता है।सोहर का सामाजिक पहलू
सोहर केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह समाज की एकता और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। जब परिवार और मित्र एकत्र होते हैं, तो सोहर गाने से खुशी और उल्लास का माहौल बनता है। यह पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है और सामाजिक मेलजोल को बढ़ावा देता है।सोहर और भारतीय संस्कृति
धन धन नगर अयोध्या || Dhan Dhan Nagar Ayodhya || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi & English
शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017
कंहवा में जनमिले राम || Kanhawa me janmile ram || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
कंहवा में जनमिले राम || Kanhawa me janmile ram || सोहर || Sohar Lyrics in Hindi
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मेरी अंखियों के सामने ही रहना || Meri Akhiyo Ke Samne Hi Rahna || Devi Geet Lyrics in Hindi & English
मेरी अंखियों के सामने ही रहना || Meri Akhiyo Ke Samne Hi Rahna || Devi Geet Lyrics in Hindi & English ** ** मेरी अखियों के सामने ही रहन...