यह लोकगीतों को एक माला में पिरोने का प्रयास है। परम्परा से हमारे लोकगीत पीढ़ी दर पीढ़ी सतत प्रवाहमान रहे हैं और राग, लय एवं भावों की समृद्धि सहेजे हुए हैं। यदि आपके पास भी लोक-गीत-माला में पिरोने हेतु कुछ मोती हों तो उन्हें ब्लॉगर को उपलब्ध कराकर कृतार्थ करें।
गुरुवार, 25 नवंबर 2021
हवन गीत लिरिक्स//घर महके हवन से आज बोलो स्वाहा स्वाहा || Ghar Mahke Havan Se Aaj Bolo Swaha Swaha || Havan Geet || Yagya Geet || Puja Geet Bhajan || Satyanarayan Katha Geet
मंगलवार, 23 नवंबर 2021
हवन गीत लिरिक्स || Havan Geet || होम गीत || Hom Geet || हवन गीत भजन || Havan Geet Bhajan || Mangal Hove Havaniya Me || मंगल होवे हवनिया में
हवन गीत लिरिक्स || Havan Geet || होम गीत || Hom Geet || हवन गीत भजन || Havan Geet Bhajan || Mangal Hove Havaniya Me || मंगल होवे हवनिया में
हवन गीत लिरिक्स || Havan Geet || होम गीत || Hom Geet || हवन गीत भजन || Havan Geet Bhajan || Mangal Hove Havaniya Me || मंगल होवे हवनिया में
हवन गीत लिरिक्स || Havan Geet || होम गीत || Hom Geet || हवन गीत भजन || Havan Geet Bhajan अमवा के लकड़ी गइया के घियना || Amwa Ke Lakri Gaiya Ke Ghiyana
हवन गीत लिरिक्स || Havan Geet || होम गीत || Hom Geet || हवन गीत भजन || Havan Geet Bhajan अमवा के लकड़ी गइया के घियना || Amwa Ke Lakri Gaiya Ke Ghiyana
अमवा के लकड़ी गइया के घियना
अमवा के लकड़ी गइया के घियना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
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अमवा के लकड़ी गइया के घियना
अमवा के लकड़ी गइया के घियना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
ए जी सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना।।
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राम भी आये संग लक्षमण जी आये
राम भी आये संग लक्षमण जी आये
सीता के गोदिया लवकुश ललना
ए जी सीता के गोदिया लवकुश ललना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
अमवा के लकड़ी गइया के घियना
अमवा के लकड़ी गइया के घियना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
ए जी सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना।।
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आये तो आये शिव शंकर जी आये
आये तो आये शिव शंकर जी आये
गौरा के गोदिया गणेश ललना
ए जी गौरा के गोदिया गणेश ललना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
अमवा के लकड़ी गइया के घियना
अमवा के लकड़ी गइया के घियना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
ए जी सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना।।
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आये तो आये श्री कृष्ण जी आये
आये तो आये श्री कृष्ण जी आये
रुकमिन के गोदिया प्रदुम्न ललना
ए जी रुकमिन के गोदिया प्रदुम्न ललना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
अमवा के लकड़ी गइया के घियना
अमवा के लकड़ी गइया के घियना
सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना
ए जी सतनारायण बाबा आये हैं हमारे अंगना।।
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हवन गीत लिरिक्स || Havan Geet || होम गीत || Hom Geet || हवन गीत भजन || Havan Geet Bhajan अमवा के लकड़ी गइया के घियना || Amwa Ke Lakri Gaiya Ke Ghiyana
शनिवार, 13 नवंबर 2021
हे गोविंद राखो शरण || Shri Narayan Bharan || Shri Krishna Bhajan || He Govind Rakh Sharan
हे गोविंद राखो शरण || Shri Narayan Bharan || Shri Krishna Bhajan || He Govind Rakh Sharan
आज आपके साथ बहुत ही प्यारा भजन साझा करने का सौभाग्य मिला है। इस भजन में गज-ग्राह की कथा का वर्णन है। जब गज को ग्राह ने ग्रस लिया तो गज भगवान की स्तुति कर रहा है। वास्तव में यहॉं गज और ग्राह को रूपक की तरह प्रस्तुत किया गया है। हम सभी भी जीवन में प्रभु को बिसराये फिरते रहते हैं और जब अन्त समय में काल हमें ग्राह के रूप में पकड़ लेता है तब केवल एक ही सहारा होता है और जब हम उसे पुकारते हैं तो वह हमारी सहायता के लिए नंगे पॉंव ही दौड़ा आता है। तो लीजिये आनन्द इस सुन्दर भजन का .....
हे गोविंद राखो शरण, अब तो जीवन हारे।
हे गोविंद हे गोपाल, अब तो जीवन हारे।।
हे गोविंद राखो शरण, अब तो जीवन हारे।
हे गोविंद राखो शरण, अब तो जीवन हारे।।
नीर पीबन हेतु गयऊ सिंधु के किनारे।
नीर पीबन हेतु गयऊ सिंधु के किनारे।
सिंधु बीच बसत ग्राह चरण गहि पचारे।
हे गोविंद हे गोपाल, अब तो जीवन हारे।।
हे गोविंद राखो शरण, अब तो जीवन हारे।
चार प्रहर ठाढ़ भयो लई गयो मजधारे ।।
चार प्रहर ठाढ़ भयो लई गयो मजधारे ।।
नाक कान डूबन लागे कृष्णा को पुकारे।
हे गोविंद हे गोपाल अब तो जीवन हारे।।
हे गोविंद राखो शरण, अब तो जीवन हारे।
द्वारिका में शब्द गयो शोर भयो भारे।।
द्वारिका में शब्द गयो शोर भयो भारे।।
शंख चक्र गदा पद्म गरुड़ लइ सिधारे।
हे गोविंद हे गोपाल अब तो जीवन हारे।।
हे गोविंद राखो शरण अब तो जीवन हारे।
सूर कहे श्याम सुनो शरण हैं तिहारे।।
सूर कहे श्याम सुनो शरण हैं तिहारे।।
अबकी बार पार करो नंद के दुलारे।
हे गोविंद हे गोपाल अब तो जीवन हारे।।
हे गोविंद राखो शरण अब तो जीवन हारे।
हे गोविंद हे गोपाल अब तो जीवन हारे।।
हे गोविंद राखो शरण अब तो जीवन हारे।।
हे गोविंद हे गोपाल अब तो जीवन हारे।
हे गोविंद राखो शरण अब तो जीवन हारे।।
रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम || Raghupati Raghav Raja Ram || Ram Dhun || Ram Bharan || Ram Stuti
रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम || Raghupati Raghav Raja Ram || Ram Dhun || Ram Bharan || Ram Stuti
रघुपति राघव राजा राम यह एक प्रसिद्ध रामधुन है और इस भजन की रचना श्री लक्ष्माणाचार्य हैं जी ने की थी। कालान्तर में इस भजन के अनेक संस्करण प्रचलित हो गये। मूल भजन आपके लिये यहॉं दिया जा रहा है -
रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम।।सुंदर विग्रह मेघश्याम गंगा तुलसी शालग्राम।।
भद्रगिरीश्वर सीताराम भगत-जनप्रिय सीताराम।।
जानकीरमणा सीताराम जयजय राघव सीताराम।।
रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम।।
रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम।।
मेरी अंखियों के सामने ही रहना || Meri Akhiyo Ke Samne Hi Rahna || Devi Geet Lyrics in Hindi & English
मेरी अंखियों के सामने ही रहना || Meri Akhiyo Ke Samne Hi Rahna || Devi Geet Lyrics in Hindi & English ** ** मेरी अखियों के सामने ही रहन...