यह लोकगीतों को एक माला में पिरोने का प्रयास है। परम्परा से हमारे लोकगीत पीढ़ी दर पीढ़ी सतत प्रवाहमान रहे हैं और राग, लय एवं भावों की समृद्धि सहेजे हुए हैं। यदि आपके पास भी लोक-गीत-माला में पिरोने हेतु कुछ मोती हों तो उन्हें ब्लॉगर को उपलब्ध कराकर कृतार्थ करें।
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी || Batava Babua Logwa Det Kahe Gari || Shri Ram Vivah Gari Geet Lyrics in Hindi
(चित्र गूगल से साभार)
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
राम जी से पूछे जनगपुर के नारी
राम जी से पूछे जनगपुर के नारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
हम तोहसे पूछीला हे धनुधारी
हम तोहसे पूछीला हे धनुधारी
हम तोहसे पूछीला हे धनुधारी
एक भाई गोर काहे एक भाई कारी
एक भाई गोर काहे एक भाई कारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
राजा दशरथ जी त कइलेन होशियारी
राजा दशरथ जी त कइलेन होशियारी
राजा दशरथ जी त कइलेन होशियारी
एक ही मरदवा के तीन तीन गो नारी
एक ही मरदवा के तीन तीन गो नारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
हे बुढ़ऊ बाबा के पाकल पाकल दाढ़ी
हे बुढ़ऊ बाबा के पाकल पाकल दाढ़ी
हे बुढ़ऊ बाबा के पाकल पाकल दाढ़ी
देखै में छोट लागैं खायें भारी भारी
देखै में छोट लागैं खायें भारी भारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
बतावा बबुआ लोगवा देत काहे गारी
यह सुन्दर गारी गीत श्री राजन जी महाराज के प्रवचन से लिया गया है जिसके लिए हम उनके प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। यह गीत यू-ट्यूब चैनल sayan sj पर उपलब्ध है इस हेतु हम यू-ट्यूब चैनल sayan sj का आभार व्यक्त करते हैं। गीत के बोल इस प्रकार हैं -