शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023

दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो | Dar Par Tumhare Aaya | Bhajan Lyrics in Hindi

दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो | Dar Par Tumhare Aaya | Bhajan Lyrics in Hindi


दर पर तुम्हारे आया 
ठुकराओ या उठा लो
करुणा के सिंधु मालिक 
अपनी विरद बचा लो 
*****
मीरा या शबरी जैसा 
पाया हृदय न मैंने
जो है दिया तुम्हारा 
लो अब इसे संभालो
दर पर तुम्हारे आया 
ठुकराओ या उठा लो
*****
दिन रात अपना अपना 
करके बहुत ठगाया
कोई हुआ न अपना 
अपना मुझे बना लो
दर पर तुम्हारे आया 
ठुकराओ या उठा लो
*****
दोषी हु मै या सारा 
ये खेल है तुम्हारा
जो हो समर्थ हो तुम 
चाहे गज़ब जो ढालो
दर पर तुम्हारे आया 
ठुकराओ या उठा लो
*****
बस याद अपनी दे दो 
सब कुछ भले ही ले लो
विषमय करील पर अब 
करुणा की दृष्टि डालो
दर पर तुम्हारे आया 
ठुकराओ या उठा लो
*****
दर पर तुम्हारे आया 
ठुकराओ या उठा लो
करुणा की सिंधु मालिक 
अपनी बिरद बचा लो 
*****

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