तर्ज - हम भूल गये रे हर बात
मेरी लगी गुरु संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने
क्या जाने भई क्या जाने
क्या जाने भई क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रित
ये दुनिया क्या जाने।।
*****
बाजी जब गुरुवर से लगाई
पलट गया पासा मेरे भाई
मेरी हार हो गई जीत
ये दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रित
ये दुनिया क्या जाने।।
*****
प्रीतम ने खुद प्रेम जताया
करके इशारा पास बुलाया
है प्रेम की उलटी रीत
ये दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रित
ये दुनिया क्या जाने।।
*****
ताल अलग है राग अलग है
ये वैराग अनुराग अलग है
मन गाए किसके गीत
ये दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने।।
*****
सत्संगी होकर जो सीखा
काम क्रोध खोकर जो सीखा
कैसा है ये संगीत
ये दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने।।
*****
मेरी लगी गुरु संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने
क्या जाने भई क्या जाने
क्या जाने भई क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने।।
*****
ये दुनिया क्या जाने
क्या जाने भई क्या जाने
क्या जाने भई क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रित
ये दुनिया क्या जाने।।
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बाजी जब गुरुवर से लगाई
पलट गया पासा मेरे भाई
मेरी हार हो गई जीत
ये दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रित
ये दुनिया क्या जाने।।
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प्रीतम ने खुद प्रेम जताया
करके इशारा पास बुलाया
है प्रेम की उलटी रीत
ये दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रित
ये दुनिया क्या जाने।।
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ताल अलग है राग अलग है
ये वैराग अनुराग अलग है
मन गाए किसके गीत
ये दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने।।
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सत्संगी होकर जो सीखा
काम क्रोध खोकर जो सीखा
कैसा है ये संगीत
ये दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने।।
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मेरी लगी गुरु संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने
क्या जाने भई क्या जाने
क्या जाने भई क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी गुरु संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने।।
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