गजानन सरकार पधारो | Gajanand Sarkar Padharo | Ganesh Bhajan Lyrics in Hindi
संक्षिप्त जानकारी - भगवान श्रीगणेश जी को गजानन के नाम से भी जाना जाता है। भगवान गणेश देवो के देव भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं। भगवान गणेश की पत्नी का नाम रिद्धि और सिद्धि है। भगवन गणेश का नाम हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य करने से पहले लिया जाता है। शिवपुराण अनुसार भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्ति भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था। अपने माता-पिता की परिक्रमा लगाने के कारण शिव-पार्वती ने उन्हें विश्व में सर्वप्रथम पूजे जाने का वरदान दिया था। तभी से ही भारत में गणेश पूजा-आराधना का प्रचलन है। भगवान गणेशजी का मस्तक या सिर कटने के पूर्व उनका नाम विनायक था। परंतु जब उनका मस्तक काटा गया और फिर उसे पर हाथी का मस्तक लगाया गया तो सभी उन्हें गजानन कहने लगे। फिर जब उन्हें गणों का प्रमुख बनाया गया तो उन्हें गणपति और गणेश कहने लगे। शिवपुराण के अनुसार एक बार माता पार्वती ने स्नान से पूर्व शरीर पर हल्दी का उबटन लगाया था। इसके बाद जब उन्होंने उबटन उतारा तो इससे एक पुतला बना दिया और उसमें प्राण डाल दिए। इस तरह भगवान गणेश की उत्पत्ति हुई। कई पौराणिक कहानियों के अनुसार, जब भगवान शिव ने भगवान गणेश का मानव सिर काट दिया, तो वह उत्तराखंड में एक स्थान पर गिरा। वह गुफा आज पाताल भुवनेश्वर के नाम से जानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस गुफा की खोज आदि शंकराचार्य ने की थी, और इसलिए, इस गुफा में स्थित मूर्ति को आदि गणेश कहा जाता है।
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तर्ज - फूल तुम्हे भेजा है खत में
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गजानन सरकार पधारो
कीर्तन की तैयारी है
आओ आओ बेगा आओ
चाव दरस को भारी है।।
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थे आवो ज़द काम बणेला
था पर म्हारी बाजी है
रणत भंवर गढ़ वाला सुण लो
चिन्ता म्हाने लागी है
देर करो मत ना तरसाओ
चरणा अरज ये म्हारी है
गजानन सरकार पधारो।।
*****
रिद्धि सिद्धी संग आओ गजानन
देवों दरस थारा भगता ने
भोग लगावा ढोक लगावा
पुष्प चढ़ावा चरणा मे
गजानन थारा हाथा मे
अब तो लाज हमारी है
गजानन सरकार पधारो।।
*****
भगता की तो विनती सुनली
शिव सूत प्यारो आयो है
जय जयकार करो गणपति की
म्हारो मन हर्शायो है
बरसेंगा अब रस कीर्तन मे
भगतौ महिमा भारी है
गजानन सरकार पधारो।।
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कीर्तन की तैयारी है
आओ आओ बेगा आओ
चाव दरस को भारी है।।
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थे आवो ज़द काम बणेला
था पर म्हारी बाजी है
रणत भंवर गढ़ वाला सुण लो
चिन्ता म्हाने लागी है
देर करो मत ना तरसाओ
चरणा अरज ये म्हारी है
गजानन सरकार पधारो।।
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रिद्धि सिद्धी संग आओ गजानन
देवों दरस थारा भगता ने
भोग लगावा ढोक लगावा
पुष्प चढ़ावा चरणा मे
गजानन थारा हाथा मे
अब तो लाज हमारी है
गजानन सरकार पधारो।।
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भगता की तो विनती सुनली
शिव सूत प्यारो आयो है
जय जयकार करो गणपति की
म्हारो मन हर्शायो है
बरसेंगा अब रस कीर्तन मे
भगतौ महिमा भारी है
गजानन सरकार पधारो।।
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