सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है | Savare Se Milne Ka Satsang Hi Bahana Hai | Krishna Bhajan Lyrics in Hindi
सावरे से मिलने का
सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए
दिल बना दीवाना है ।
चलो सत्संगे में चलें
हमे हरी गुण गाना है ॥
*****
कहाँ कहाँ ढूँढा तुझे
कहाँ कहाँ पाया है ।
भक्तो के हृदय में मेरे
श्याम का ठिकाना है ॥
*****
राधा ने पाया तुझे
मीरा ने पाया तुझे ।
मैंने तुझे पा ही लिया
मेरे दिल में ठिकाना है ॥
*****
सत्संगे में आ जाओ
संतो संग बैठ जाओ ।
संतो के हृदय में
मेरे श्याम का ठिकाना है ॥
*****
मीरा पुकार रही
आवो मेरे बनवारी ।
विष भरे प्याले को
तूने अमृत बनाना है ॥
*****
शबरी पुकार रही
आओ मेरे रघुराई ।
खट्टे मीठे बेरों का
तोहे भोग लगाना है ॥
*****
द्रोपदी पुकार रही
आवो मेरे कृष्णाई ।
चीर को बढाना है
तुम्हे लाज को बचाना है ॥
*****
मथुरा में डूंडा तुझे
गोगुल के पाया है ।
सावरे से मिलने का
सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए
दिल बना दीवाना है ।
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सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए
दिल बना दीवाना है ।
चलो सत्संगे में चलें
हमे हरी गुण गाना है ॥
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कहाँ कहाँ ढूँढा तुझे
कहाँ कहाँ पाया है ।
भक्तो के हृदय में मेरे
श्याम का ठिकाना है ॥
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राधा ने पाया तुझे
मीरा ने पाया तुझे ।
मैंने तुझे पा ही लिया
मेरे दिल में ठिकाना है ॥
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सत्संगे में आ जाओ
संतो संग बैठ जाओ ।
संतो के हृदय में
मेरे श्याम का ठिकाना है ॥
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मीरा पुकार रही
आवो मेरे बनवारी ।
विष भरे प्याले को
तूने अमृत बनाना है ॥
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शबरी पुकार रही
आओ मेरे रघुराई ।
खट्टे मीठे बेरों का
तोहे भोग लगाना है ॥
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द्रोपदी पुकार रही
आवो मेरे कृष्णाई ।
चीर को बढाना है
तुम्हे लाज को बचाना है ॥
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मथुरा में डूंडा तुझे
गोगुल के पाया है ।
सावरे से मिलने का
सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए
दिल बना दीवाना है ।
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