शनिवार, 9 दिसंबर 2023

शिव भोले का डमरु जब-जब बजता है | Shiv Bhole Ka Damru Jab Jab Bajta Hai | Shiv Shankar Bhajan Lyrics in Hindi

शिव भोले का डमरु जब-जब बजता है | Shiv Bhole Ka Damru Jab Jab Bajta Hai | Shiv Shankar Bhajan Lyrics in Hindi


तर्ज : दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
गीत एवं संगीत : श्री रवि 
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शिव भोले का डमरु 
जब-जब बजता है
धरती-अम्बर सारा ही 
जग नचता है
देव-असुर-नर-किन्नर 
सारे नाच रहे
भगतों का भी प्यारा 
जमघट मचता है  
*****
शिव भोले का डमरु 
जब-जब बजता है
धरती-अम्बर सारा ही 
जग नचता है
*****
शिव कैलाशी शिव अविनाशी 
बाँध लिये घुँघरू
छम-छम-छम-छम नाच रहें हैं 
बाज रहा डमरु
भोले जी का रूप निराला जँचता है
धरती-अम्बर सारा ही 
जग नचता है
*****
शिव भोले का डमरु 
जब-जब बजता है
धरती-अम्बर सारा ही 
जग नचता है
*****
शिव भोले की शीश जटा में 
गंगा झूम रही
गल सर्पों की 
रुद्राक्षों की माला घूम रही
मस्तक ऊपर चंदा बैठा हँसता है
धरती-अम्बर सारा ही 
जग नचता है
*****
शिव भोले का डमरु 
जब-जब बजता है
धरती-अम्बर सारा ही 
जग नचता है
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भूतों की प्रेतो की टोली 
संग में नाच रही
नंदी के भी गले की घंटी 
टन – टन बाज रही
कहे “रवि” ये भोले का 
रंग जमता है,
धरती-अम्बर सारा ही 
जग नचता है
*****
शिव भोले का डमरु 
जब-जब बजता है
धरती-अम्बर सारा ही 
जग नचता है
*****

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