मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

जो तू मिटाना चाहे जीवन की तृष्णा | Jo Tu Mitana Chahe Jeevan Ki Trishna | Krishna Bhajan Lyrics in Hindi

जो तू मिटाना चाहे जीवन की तृष्णा | Jo Tu Mitana Chahe Jeevan Ki Trishna | Krishna Bhajan Lyrics in Hindi

भारतीय संस्कृति में भगवान श्रीकृष्ण का नाम सबसे मधुर और पावन माना जाता है। संत, भक्त और साधक सदियों से यह मानते आए हैं कि यदि मनुष्य अपने जीवन की तृष्णा, दुःख और मोह को समाप्त करना चाहता है तो उसे केवल एक उपाय करना चाहिए – सुबह-शाम कृष्ण नाम का जप। यही भाव इस सुंदर भजन “जो तू मिटाना चाहे जीवन की तृष्णा, सुबह-शाम बोल बन्दे कृष्णा कृष्णा कृष्णा” में व्यक्त किया गया है।
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कृष्ण भक्ति केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा आध्यात्मिक मार्ग है जिससे मनुष्य जीवन का सच्चा सुख प्राप्त करता है। इस ब्लॉग में हम इस भजन का भावार्थ, कृष्ण नाम जप का महत्व, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभ, और इस भजन से मिलने वाली प्रेरणा के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
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भारतीय साहित्य, संगीत और कला में श्रीकृष्ण की भक्ति का विशेष स्थान है। सूरदास, मीराबाई, तुलसीदास जैसे महान संतों ने कृष्ण भक्ति को ही अपने जीवन का आधार बनाया। मीराबाई का भजन “पायो जी मैंने राम रतन धन पायो” और सूरदास की रचनाएँ आज भी हर भक्त के हृदय को भक्ति रस से भर देती हैं।
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कृष्ण का नाम जपने से भक्त और भगवान के बीच एक अटूट संबंध स्थापित होता है। यही कारण है कि कृष्ण भक्ति भजन, कीर्तन और कथा आज भी हर गाँव, मंदिर और तीर्थ में गूंजते रहते हैं।
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कृष्ण भजन “कृष्णा कृष्णा कृष्णा” के भावार्थ
इसका अर्थ है कि यदि तुम अपने जीवन की व्यर्थ इच्छाओं और मोह-माया से मुक्ति पाना चाहते हो तो दिन-रात भगवान श्रीकृष्ण का नाम स्मरण करो। इस भजन में बताया गया है कि कृष्ण नाम हर पाप को मिटाने वाला और मन को शांति देने वाला है। जो मनुष्य कृष्ण नाम नहीं जपता, वह जीवन की असली जीत नहीं पा सकता। जब तक जीवन में कष्ट नहीं होता, तब तक मनुष्य सुख का महत्व नहीं समझ पाता। और यदि कृष्ण नाम का ध्यान नहीं किया तो जीवन का धर्म भी अधूरा है। अंतिम पद मनुष्य को संसार की माया, वैभव और घमंड छोड़कर कृष्ण नाम का स्मरण करने की प्रेरणा देता है। यही जीवन का असली मार्ग है।
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भजन “सुबह शाम बोल बन्दे कृष्णा कृष्णा कृष्णा” केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का संदेश है। संसार की माया, वैभव और तृष्णा कभी भी मनुष्य को वास्तविक सुख नहीं दे सकते। सच्चा सुख केवल भगवान श्रीकृष्ण के नाम में है। इसलिए हर व्यक्ति को चाहिए कि सुबह-शाम कृष्ण नाम का जप करे और अपने जीवन को पावन और सुखमय बनाए। यही इस भजन का सबसे गहरा संदेश है। तो आइये रम जाते हैं इस सुन्‍दरश्रीकृष्‍ण भजन में 

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जो तू मिटाना चाहे 
जीवन की तृष्णा
सुबह शाम बोल बन्दे 
कृष्णा कृष्णा कृष्णा
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कृष्ण नाम पावन पावन 
कृष्ण नाम प्यारा प्यारा
जो ना बोले कृष्णा कृष्णा 
जग से वो हारा हारा
मन का मिटे अंधियारा 
बोल कृष्णा कृष्णा
सुबह शाम बोल बन्दे 
कृष्णा कृष्णा कृष्णा
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जिसको मिली ना पीड़ा 
सुख का मरम क्या जाने
जो न ध्यावे कृष्णा कृष्णा 
निज का धरम क्या जाने
चाहे अगर हो उजियारा 
बोल कृष्णा कृष्णा
सुबह शाम बोल बन्दे 
कृष्णा कृष्णा कृष्णा
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छोड़ दे भटकना दरदर 
तोड़ दे अहम का डेरा
भूल जा जगत के वैभव 
जग है दुःख का डेरा
फिरता है मारा मारा 
बोल कृष्णा कृष्णा
सुबह शाम बोल बन्दे 
कृष्णा कृष्णा कृष्णा
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Jo tu mitana chahe
Subah shaam bol bande
Krishna Krishna Krishna
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Jo na bole Krishna Krishna
Jag se wo haara haara
Man ka mite andhiyaara
Bol Krishna Krishna
Subah shaam bol bande
Krishna Krishna Krishna
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Jisko mili na peeda
Sukh ka maram kya jaane
Jo na dhyave Krishna Krishna
Nij ka dharam kya jaane
Chahe agar ho ujiyaara
Bol Krishna Krishna
Subah shaam bol bande
Krishna Krishna Krishna
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Chhod de bhatakna dardar
Tod de aham ka dera
Bhool ja jagat ke vaibhav
Jag hai dukh ka dera
Phirta hai maara maara
Bol Krishna Krishna
Subah shaam bol bande
Krishna Krishna Krishna
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